'आपका बच्चा बीमार तो हम क्या करें...' लीव पर कंपनी का ऐसा नोट कि लानत भेजने लगे लोग

हाल ही में किसी ने रेडिट फोरम 'एंटीवर्क' पर किसी कंपनी का कथित मेमो शेयर किया जो हैरान करने वाला था. इससे ऑनलाइन बहस भी छिड़ गई. इसमें काफी बुरी लीव पॉलिसी थी.

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सांकेतिक तस्वीर (Freepik) सांकेतिक तस्वीर (Freepik)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST

जब दफ्तर में छुट्टियां लेने की बात आती है, तो हर कंपनी की अपनी पॉलिसी और नियम होते हैं, जिनमें सिक लीव, पेरेंटल लीव, वेकेशन लीव और बहुत कुछ शामिल हैं. ये पॉलिसीज कंपनी के साइज, इंडस्ट्री, कल्चर और वैल्यु के हिसाब से अलग- अलग हो सकती हैं. कुछ कंपनियों की लीव पॉलिसी अधिक उदार होती हैं, जबकि कई जगह काफी रेस्ट्रिक्शन होती हैं. 

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हाल ही में किसी ने रेडिट फोरम 'एंटीवर्क' पर किसी कंपनी का कथित मेमो शेयर किया जो हैरान करने वाला था. इससे ऑनलाइन बहस भी छिड़ गई. मेमो में कथित तौर पर कहा गया है कि कर्मचारियों को बीमार बच्चे की देखभाल के लिए छुट्टी लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

'आपका बच्चा बीमार है तो हम क्या करें'
 
कंपनी के नोट में लिखा है,'आपका बच्चा बीमार है इसलिए काम से छुट्टी कोई ठीक बहाना नहीं है और आपको ऐसा करने पर लिखित जवाब देना होगा. हम आपके बच्चों को काम पर नहीं रखते हैं और इसलिए उनकी बीमारी आपके लिए काम से छुट्टी लेने का कोई बहाना नहीं हो सकती है. लगे रहिए, टीम!'.


लोगों ने सुनाई खरी-खोटी 

इस पोस्ट पर फोरम में कई लोगों ने कंपनी की पॉलिसी की आलोचना की और गुस्सा जाहिर किया. कई यूजर्स ने वर्क लाइफ बैलेंस और एम्पलाई वेल बींग को लेकर कंपनी के नजरिए पर सवाल उठाया. एक यूजर ने गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा- इस पॉलिसी को फॉलो करने के लिए कर्मचारी अपने बीमार बच्चों दफ्तर ले आएं तो ठीक? बस इससे बाकी कलीग्स के बीच बीमारी फैल सकती है. अन्य लोगों ने कंपनी को उसकी इनह्यूम पॉलिसी के लिए खरी खोटी सुनाई. कई लोगों ने कहा- 'लानत है, आपको ऐसी लीव पॉलिसी बनाने में शर्म आनी चाहिए.'

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'क्या अपनों को मरता छोड़ आएं?'

एक यूजर ने लिखा, अगर आपने हमारे बच्चों, पति - पत्नी, माता पिता, या परिवार को नौकरी पर नहीं रखा है तो क्या हम उन्हें मरता छोड़कर ऑफिस आएं? एक अन्य ने लिखा- ये बहुत ही बेवकूफी भरा नियम है. इसके बाद से लोग कुछ और झूठ बोलकर छुट्टी लेंगे. एक ने कहा- 'वास्तविक रूप से कहें तो यह मेनली एंटी वूमेन पॉलिसी है. कुछ नया नहीं है.'
 
नोट: ये खबर सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर बनाई गई है. aajtak.in इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है. 

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