कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां... ये चीजें अपने बच्चों के बैग में क्यों रख रहे पेरेंट्स

पहली बार घर से बाहर निकलकर कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं के बैग में उनके माता-पिता कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां और नार्कन जैसे स्प्रै रख रहे हैं. जानते हैं ऐसा करने के पीछे अभिभावकों की क्या मंशा है.

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अमेरिका में माता-पिता कॉलेज जाने वाले बच्चों के बैग में कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियां रख रहे हैं (Photo - AI Generated) अमेरिका में माता-पिता कॉलेज जाने वाले बच्चों के बैग में कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियां रख रहे हैं (Photo - AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:28 PM IST

कंडोम, नार्कन और गर्भनिरोधक गोलियां या प्लान बी, जैसी चीजें अमेरिकी माता-पिता पहली बार कॉलेज जाने वाले अपने बेटे-बेटियों के बैग में रख रहे हैं. इन अभिभावकों का कहना है कि ये कॉलेज सर्वाइवल किट है. हाल में एक मां और उसकी बेटी का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था, जिसमें मां पहली बार कॉलेज जाने के लिए बेटी का बैग तैयार कर रही थी. इसमें इस कॉलेज सर्वाइवल किट का जिक्र हुआ था.  

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न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के कॉलेजों में आने वाले नए विद्यार्थियों के चिंतित माता-पिता बच्चों का बैग पैक करते वक्त जीवन रक्षक के तौर पर जो पहली चीज डाल रहे हैं, वो है नार्कन. यह एक तरह का नैसल स्प्रै है. इसके साथ ही कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियां भी आधुनिक आवश्यक चीजों की सूची में शामिल है.  

क्या होता नार्कन 
उत्तरी कैरोलिना की मनोविज्ञान की छात्रा जिसका छद्म नाम समर है, उसने द पोस्ट को बताया कि मैंने एक लड़की को तब नार्कन दिया जब वह कैंपस के बाहर एक पार्टी के बाद सामने वाले लॉन में बेहोश हो गई थी. यह स्प्रै सचमुच जिंदगियां बचाती है.

नार्कन, जिसे आधिकारिक तौर पर नालोक्सोन के नाम से जाना जाता है. एक ओपिओइड के प्रभावों को कम करता है. फेंटेनाइल जैसे अवैध पदार्थों का सेवन करने के बाद इसके बुरे प्रभाव को नार्कन उलट देता है. इसलिए 20 साल की समर जैसी छात्रा या छात्र को बैग में नार्कन जैसी चीजें ठीक लगती है. 

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एक वीडियो से कॉलेज सर्वाइवल किट चर्चा में आया
फेसबुक मॉम ग्रुप्स से लेकर वायरल टिकटॉक क्लिप्स तक, इस चमत्कारिक दवा को 'कॉलेज सर्वाइवल किट' में गर्भनिरोधक गोलियां और कंडोम के साथ स्थान मिला हुआ है. 

इडाहो की 42 साल की मां जेमी और 18 साल की बेटी सोफिया ग्रीन ने हाल ही में सोशल मीडिया पर सोफिया की बोइस स्टेट यूनिवर्सिटी में इस शरद ऋतु में होने वाली कक्षाओं के पहले दिन के लिए गैर-पारंपरिक आवश्यकताओं की अपनी सूची का खुलासा करके बड़ी हलचल मचा दी थी. 

कई लोगों ने माता-पिता के इस पहल का समर्थन किया
उनके क्लिप के 5.6 मिलियन दर्शकों का बड़े पैमाने पर समर्थन मिला था. मां ने अपनी बेटी के बैग में जो चीजें दी थी. उसको लेकर जहां कई लोगों ने इसका समर्थन किया. वहीं कुछ लोगों ने आलोचना भी की.   डिजिटल आलोचकों ने इसे यह तर्क देते हुए खारिज कर दिया कि किशोरों के बैग में इन उत्पादों को रखना और उसका इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करना दुखद और शर्मनाक है. 

एक टिप्पणीकार ने तो यहां तक लिखा कि अरे, अपनी बेटियों को सामान्य ज्ञान दो, फ्लेक्सिबल बनना सिखाओ और मजबूत इच्छाशक्ति विकसित करना बताओ. अति-प्रगतिशील बदलाव का मतलब यह नहीं है कि किशोरों को अनजाने में इन चीजों के प्रयोग करने की अनुमति दे दें. 

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क्या ऐसा करना बच्चों को इन चीजों के इस्तेमाल की अनुमति देना है 
वहीं एनवाईयू लैंगोन हेल्थ के किशोर मनोवैज्ञानिक यामालिस डियाज ने कहा कि सतर्क माता-पिता न तो अपने बच्चों के साथ सीमाओं का उल्लंघन कर रहे हैं - और न ही उन्हें पार्टी करने या इन चीजों के इस्तेमाल की अनुमति दे रहे हैं. वे सिर्फ अपने बच्चों को वास्तविक दुनिया की घटनाओं के लिए तैयार कर रहे हैं. 

डियाज ने द पोस्ट को बताया कि मिलेनियल्स और जेनरेशन एक्सर्स, जो बहुत लचीले, खुले विचारों वाले समय में पले-बढ़े हैं, अब अपने जेनरेशन जेड बच्चों को कठिन परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार होकर कॉलेज भेज रहे हैं.

बच्चों को अनचाहे समस्या से बचाना है मकसद
अगर माता-पिता अपने बच्चों के लिए नार्कन और कंडोम उनके बैग में डालने का फैसला करते हैं, तो संदेश यह नहीं है कि जाओ, ड्रग्स लो और किसी से भी रोमांटिक संबंध बनाओ उन्होंने जोर देकर कहा कि संदेश यह है कि मैं नहीं चाहती कि आप किसी भी तरह की मुश्किल स्थिति में फंसें. इसलिए यहां कुछ ऐसे उपाय दिए गए हैं जिनका इस्तेमाल करके आप बाद में समझदारी भरे फैसले ले सकते हैं.

स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग की एक शाखा, मादक द्रव्य दुरुपयोग और मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रशासन की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार , 2023 में 50,000 किशोरों द्वारा सिंथेटिक ओपिओइड, फेंटेनाइल का दुरुपयोग करने की बात स्वीकार करना चिंताजनक बात है.

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शोधकर्ताओं ने पाया कि 2022 से 2023 तक किशोरों में फेंटेनाइल के उपयोग में 47% की वृद्धि हुई है. उन्होंने इस चौंकाने वाली वृद्धि का कारण यह बताया कि कई युवाओं ने अनजाने में इसका सेवन कर लिया होगा.

ड्रग्स ओवरडोज से मर रहे अमेरिका में युवा
डीईए (ड्रग्स एन्फोर्समेंट एजेंसी) के कैम्पस ड्रग प्रिवेंशन साइट के अनुसार, ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के प्रतिनिधियों ने फेंटेनाइल, जो कि अनुसूची I की दवा है , को अमेरिका में 18 से 45 वर्ष की आयु के वयस्कों की मृत्यु का प्रमुख कारण माना है.

ऐसे में समर की दोस्त भी एक और आंकड़ा बनकर रह जाती, लेकिन सौभाग्य से, उस तेज दिमाग वाले लड़की ने कैम्पस में ड्रग्स के नुकसान को कम करने वाले सेमिनार में भाग लिया था और उसे पता था कि क्या करना है.

समर ने याद करते हुए कहा कि वह लड़की बहुत पीली पड़ गई थी, उसकी सांसें उथली थीं और उसकी पुतलियां पतली हो गई थीं, जो ओवरडोज का संकेत है.अब, वह हमेशा नार्कन के साथ तैयार रहती है, जो देश भर के अधिकांश दवा दुकानों और अमेजन जैसे ऑनलाइन आउटलेट्स पर बिना डॉक्टर के पर्चे के उपलब्ध है.
 

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