कैंसर से पीड़ित शख्स और किडनी की समस्या से जूझ रही एक महिला ने एक दूसरे से एक डील की थी. इस डील में इन दोनों की शादी भी शामिल थी. फिर शर्तों पर शादी करने के बाद दोनों कब एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए पता ही नहीं चला. जानते क्या है इनकी दिलचस्प प्रेम-कहानी?
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में किडनी की समस्या से जूझ रही एक महिला ने एक कैंसर पेशेंट से विवाह कर लिया. ये शादी दोनों ने एक दूसरे से एक शर्त पर की थी. शर्त थी कि कैंसर से मौत के बाद पति अपनी किडनी पत्नी को दे देगा. वहीं उसकी मौत तक महिला अपने पति की उसकी सेवा करती रहेगी.
एक अनोखी प्रेमकहानी
जैसे-जैसे उन्होंने एक साथ समय बिताया. दोनों के बीच एक बॉन्डिंग पनपने लगी. फिर धीरे-धीरे ये अप्रत्याशित प्रेम कहानी में बदल गई.हाल ही में कैंसर से बचने की प्रेरणादायक कहानियों के बीच 2014 के इस मामले ने वहां लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
मैगजीन मैरिज एंड फैमिली के अनुसार, शांक्सी प्रांत की 24 साल की वांग जियाओ को यूरीमिया रोग का पता चला था. उन्हें बताया गया था कि किडनी ट्रांसप्लांट के बिना उसके पास जीने के लिए केवल एक वर्ष ही बचा है.
अपने रिश्तेदारों में से कोई भी डोनर न मिलने पर हताश वांग ने एक अपरंपरागत कदम उठाया. एक साथी रोगी के सुझाव पर, उसने एक कैंसर सहायता समूह में विवाह का विज्ञापन पोस्ट किया. इसमें उसने एक ऐसे असाध्य रोगी पुरुष की तलाश थी जो उससे विवाह करने को तैयार हो ताकि उसके निधन के बाद वह उसकी किडनी प्राप्त कर सके.
कैंसर मरीज से शादी के लिए किया था पोस्ट
वांग ने अपने विज्ञापन में लिखा था कि शादी के बाद मैं तुम्हारा सबसे अच्छा ख्याल रखूंगी. मुझे माफ़ कर देना. मैं बस जीना चाहती हूं. कुछ दिनों बाद, 27 साल के यू जियानपिंग ने उसके इस विज्ञापन पर प्रतिक्रिया दी. उसका ब्लड ग्रुप यू जियानपिंग से मेल खाता था. यू कैंसर से जूझ रहा था. वह कभी एक बिजनेस मैनेजर था.
उसके पिता ने उसके इलाज के लिए अपना घर बेच दिया था. वह सिर्फ दवाइयों पर ही जिंदा था. जुलाई 2013 में, दोनों ने चुपचाप अपनी शादी का पंजीकरण करा लिया. वे अपनी शादी को गुप्त रखने, अपने वित्तीय मामलों का प्रबंधन स्वयं करने पर सहमत हुए और यह भी तय किया कि यू के निधन के बाद, वह अपनी एक किडनी वांग को दान कर देंगे.
किडनी के बदले देखभाल करने की थी शर्त
किडनी के बदले में, वांग ने उनके इलाज के दौरान उनकी देखभाल करने का वादा किया.हालांकि, यह डील शुरुआत में सिर्फ एक दूसरे की जिंदगी को बचाने के लिए की गई एक जीवन-रक्षक डील थी. फिर धीरे-धीरे यह एक गहरी बॉन्डिंग में बदल गई और दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे.
दोनों के बीच मजबूत हो गई बॉन्डिंग
दोनों रोज़ाना बातचीत करने लगे, अपने स्वास्थ्य और जीवन के बारे में अपडेट साझा करने लगे. वांग का चंचल स्वभाव अक्सर यू को हंसाता था और उसकी उम्मीद ने यू का उत्साह बढ़ाने का काम किया. उसने उसके लिए सूप बनाना शुरू कर दिया, और वह हर उपचार में उसके साथ जाती थी.
लड़के के बोन मैरो के लिए लड़की बेचने लगी फूल
यू के बोन मैरो ट्रांसप्लांट का खर्च उठाने में मदद करने के लिए वांग ने सड़क पर एक स्टॉल पर फूलों के गुलदस्ते बनाकर बेचना शुरू कर दिए. उसने फूलों के साथ कार्ड भी रखे, जिन पर फूलों की कहानी लिखी थी. इससे ग्राहकों और यहां तक कि स्थानीय दुकानदारों की भी भीड़ उमड़ पड़ी.
अपनी बिक्री और बचत के माध्यम से, वह 500,000 युआन (US$70,000) जुटाने में सफल रही, जो यू की सर्जरी के लिए पर्याप्त था. जून 2014 तक, यू की हालत स्थिर हो गई थी और वांग की सेहत में भी सुधार हो रहा था. उसका डायलिसिस सेशन हफ़्ते में दो बार से घटकर महीने में एक बार हो गया था और डॉक्टरों ने संकेत दिया था कि अब उसे ट्रांसप्लांट की बिल्कुल भी जरूरत नहीं होगी.
आज दोनों जी रहे हैं स्वस्थ्य जिंदगी
फरवरी 2015 में, अपने प्यार और पुनः स्वस्थ होने का जश्न मनाने के लिए, इस जोड़े ने एक स्थानीय रेस्तरां में विवाह भोज का आयोजन किया. उनकी कहानी को बाद में फिल्म विवा ला विडा में रूपांतरित किया गया, जिसका प्रीमियर 2024 में चीन में हुआ और इसने 276 मिलियन युआन (38 मिलियन अमेरिकी डॉलर) से अधिक की कमाई की.
आज, यह दम्पति कथित तौर पर शांक्सी प्रांत के शियान में एक फूलों की दुकान चलाते हैं, तथा शांतिपूर्वक जीवन व्यतीत कर रहे हैं तथा उनका स्वास्थ्य भी स्थिर है.
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