Artificial Intelligence Prosecutor: AI मशीन ही कर लेगी अपराधियों की पहचान और बता देगी सजा!

Artificial Intelligence Prosecutor: यह एक ऐसा मशीनी प्रॉसेक्यूटर है, जो तर्कों और डिबेट के आधार पर सजा की मांग करेगा. दावा किया जा रहा है कि ये 'मशीनी प्रॉसेक्यूटर' 97 फीसदी तक सही तथ्य रखता है. 

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सांकेतिक फोटो-  (Getty Images) सांकेतिक फोटो- (Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 28 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:46 PM IST
  • प्रॉसेक्यूटर की जगह सॉफ्टवेयर
  • इंसान नहीं मशीन बनेगी प्रॉसेक्यूटर
  • सॉफ्टवेयर करेगा सजा की मांग

चीन की टेक कंपनी (China Tech Company) ने दुनिया का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पावर्ड प्रॉसेक्यूटर (Artificial Intelligence-Powered Prosecutor) तैयार कर लिया है. यह एक ऐसा मशीनी प्रॉसेक्यूटर है, जो तर्कों और डिबेट के आधार पर अपराधियों की पहचान करेगा और जज के सामने सजा की मांग करेगा. दावा किया जा रहा है कि ये 'मशीनी प्रॉसेक्यूटर' 97 फीसदी तक सही तथ्य रखता है.

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शंघाई पुडोंग पीपुल्स प्रोक्यूरेटोरेट ने इस मशीन का निर्माण किया है. इसे AI प्रॉसेक्यूटर (Artificial Intelligence Prosecutor) कहा जा रहा है. निर्माता ने दावा किया कि इसका उपयोग "अभियोजकों के वर्कलोड को कम करने में मदद कर सकता है. 

इंसान नहीं मशीन लड़ेगी केस!

'मशीनी प्रॉसेक्यूटर' (Prosecutor) का उपयोग डेस्कटॉप कंप्यूटर पर किया जा सकता है. इस सिस्टम में अरबों आइटम्स का डेटा स्टोर किया जा सकेगा, जिनका विश्लेषण करके ये अपना तर्क देने में सक्षम होगा. मोटे तौर पर ये 'मशीनी प्रॉसेक्यूटर' पुलिस और सरकारी वकील वाला काम करेगी. मतलब प्रॉसेक्यूटर डेटा के आधार पर कोर्ट में अपराधियों की पहचान कर जज के सामने सजा की मांग करेगा.

रिपोर्ट के मुताबिक, इस AI Prosecutor को विकसित करने में साल 2015 से 2020 तक के हजारों लीगल केसेज का अध्ययन किया गया था. ये खतरनाक ड्राइवर्स, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, चोरी और जुए के मामलों का विश्लेषण करके अपराधियों की पहचान कर सकता है.

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गलती की संभावना रहेगी

हालांकि, इसको लेकर कुछ आशंका भी जताई जा रही है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से बात करते हुए एक चीनी प्रॉसेक्यूटर ने कहा कि 97% सही फैसलों के बीच मशीन होने की वजह से हमेशा गलती होने की संभावना बनी रहेगी. 

जिम्मेदारी किसकी बनेगी?

प्रॉसेक्यूटर ने आगे कहा कि ऐसे में अगर कोई गलत फैसला हुआ तो जिम्मेदारी किसकी होगी? प्रॉसेक्यूटर, मशीन या फिर एल्गोरिथ्म के डिजाइनर? उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मशीन गलती तो पकड़ सकती है, लेकिन इसे फैसला लेने के लिए इंसानों की जगह रखना सही नहीं होगा.

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