खूबसूरती बन सकती है जॉब रिजेक्शन की वजह! वायरल हुई हायरिंग मैनेजर की पोस्ट

जॉब रिजेक्शन आम हैं, लेकिन कई बार लोगों को बेवजह रिजेक्ट कर दिया जाता है. ये दावा एक रेडिट यूजर ने अपनी पोस्ट पर किया. अपनी पोस्ट पर अजीब कारणों की लिस्ट शेयर की है, जिनसे हायरिंग मैनेजर कैंडिडेट्स को रिजेक्ट कर सकते हैं.

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खूबसूरत होना भी जॉब रिजक्शन की बन सकता है वजह- (सांकेतिक तस्वीर-AI) खूबसूरत होना भी जॉब रिजक्शन की बन सकता है वजह- (सांकेतिक तस्वीर-AI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 3:12 PM IST

जॉब रिजेक्शन आम हैं, लेकिन कई बार लोगों को बेवजह रिजेक्ट कर दिया जाता है. ये दावा एक रेडिट यूजर ने अपनी पोस्ट पर किया. अपनी पोस्ट पर अजीब कारणों की लिस्ट शेयर की है, जिनसे हायरिंग मैनेजर कैंडिडेट्स को रिजेक्ट कर सकते हैं

यूजर ने बताया कि उसकी कजिन, जो एक 'बड़ी कंपनी' में हायरिंग मैनेजर हैं. उसने कुछ कारण बताए जिनसे लोगों को रिजेक्ट किया जाता है. यह रिजेक्शन क्वालिफिकेशन या डिग्री पर नहीं, बल्कि बॉडी लैंग्वेज, खूबसूरत दिखना, या ओवर कॉन्फिडेंस जैसी चीजों पर बेस्ड होता है.

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खूबसूरती और ओवर कॉन्फिडेंस भी है एक रीजन

हायरिंग मैनेजर के मुताबिक, लिस्ट में ऐसे कई कारण हैं जो कैंडिडेट्स के एक्सपीरियंस से जुड़े नहीं हैं. पहला कारण है ओवर कॉन्फिडेंट दिखना, जबकि दूसरा कारण बहुत खूबसूरत होना है. उनका तर्क है कि खूबसूरती वर्कप्लेस में ध्यान भटकाने वाली होती है.

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ड्रेस भी बन सकते हैं रुकावट

ड्रेस सेलेक्शन भी रिजेक्शन का कारण बन सकता है. हायरिंग मैनेजर का तर्क है कि जो शख्स सही जगह पर सही ड्रेस नहीं चुन सकता, वह ऑफिस में भी सही निर्णय नहीं ले पाएगा. जरूरतमंद दिखना भी रिजेक्शन का कारण हो सकता है.

इंटरव्यू के दौरान की गई गलतियां
अगर कोई ज्यादा मुस्कराता है तो यह भी नुकसानदेह हो सकता है. फिलर शब्दों का इस्तेमाल करना, कमजोर हैंडशेक देना, या इंटरव्यूअर्स से सही सवाल न पूछना भी जॉब के मौके पर पानी फेर सकता है.

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सोशल मीडिया पर क्या आया रिएक्शन
इस रेडिट यूजर ने कहा कि उसकी कजिन की लिस्ट के कई कारण कैंडिडेट के नियंत्रण से बाहर हैं. मुझे उसकी राय गलत लगती है. जॉब के लिए हायरिंग केवल क्वालिफिकेशन पर आधारित होनी चाहिए. कई यूजर्स ने कहा कि किसी की हायरिंग केवल 'वाइब्स' पर आधारित हो तो सही कैंडिडेट का चयन संभव नहीं है.

वहीं किसी ने कहा कि ऐसी हायरिंग ज्यादातर परसेप्शन पर बेस्ड होती है, न कि इंसान की काबलियत पर, जहां इंसान के हाव-भाव को ज्यादा अहमियत दी जाती है. उसके बेस पर कैंडिडेट को जज करना, ऐसा हायरिंग प्रोसीजर कई बार डिजर्विंग कैंडिडेट को मिस कर देता है.

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