22 साल की उम्र में जॉब के लिए किया था अप्लाई, 70 पर मिला जवाब, ये थी वजह!

दाग देहलवी की शेर की एक लाइन है - 'बहुत देर की मेहरबां आते-आते'. इसके मायने यह हैं कि अब आने का क्या फायदा, जब आने का कोई मतलब ही नहीं रह गया. जाहिर है, ये शेर किसी शख्स के इंतजार के दर्द को बयां करता है, लेकिन यहां बात हो रही है एक जॉब की अर्जी की, जिसका जवाब आने में पूरे 48 साल लग गए.

Advertisement
22 साल की उम्र में अप्लाई, 70 पर मिला जवाब-Linkedin/Tizi Hodson) 22 साल की उम्र में अप्लाई, 70 पर मिला जवाब-Linkedin/Tizi Hodson)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST

दाग देहलवी की शेर की एक लाइन है - 'बहुत देर की मेहरबां आते-आते'. इसके मायने यह हैं कि अब आने का क्या फायदा, जब आने का कोई मतलब ही नहीं रह गया. जाहिर है, ये शेर किसी शख्स के इंतजार के दर्द को बयां करता है, लेकिन यहां बात हो रही है एक जॉब की अर्जी की, जिसका जवाब आने में पूरे 48 साल लग गए. 

Advertisement

सोचिए, इंतजार करने वाले के ना जाने कितने बसंत, कितनी पतझड़ें, और कितनी लंबी रातें इस इंतजार में गुजर गईं, और आखिर में जब जवाब आया तो उस इंतजार का कोई मतलब ही न रहा.

48 साल बाद मिला जवाब, जानिए क्या है पूरी कहानी
ये कहानी है इंग्लैंड की एक महिला टिजी हॉडस की, जिन्होंने अपनी जवानी में एक नौकरी के लिए अर्जी भेजी थी. कई दिनों तक वो उस जवाब का इंतजार करती रहीं, उम्मीद थी कि ये नौकरी वो हासिल कर लेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब जब वो बूढ़ी हो चुकी हैं, तब जाकर उन्हें उनकी नौकरी की अर्जी का जवाब मिला. जैसे ही उन्होंने उस खत को पढ़ा, सारी सच्चाई सामने आ गई, और उन्हें 48 साल बाद पता चला कि उनकी अर्जी का जवाब आने में इतनी देर क्यों हुई.

Advertisement

70 की उम्र में मिला अधूरा सपना
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, टिजी हॉडस अब 70 साल की हो चुकी हैं. इंग्लैंड के लिंकनशायर के गेडने हिल में रहती हैं. हाल ही में उनके पास डाक से एक लिफाफा आया. जैसे ही उन्होंने उसे खोला, उनकी आंखें फटी रह गईं. लिफाफे के अंदर वही अर्जी थी, जो उन्होंने 48 साल पहले एक नौकरी के लिए भेजी थी. दरअसल, टिजी एक स्टंटवुमैन थीं. 1976 में, वो एक मोटरसाइकिल स्टंट राइडर बनना चाहती थीं और उन्होंने जनवरी 1976 में इसी नौकरी के लिए आवेदन किया था.

पोस्ट ऑफिस की गलती, जो 50 साल बाद सामने आई
खत के ऊपर लिखा था कि वो पोस्ट ऑफिस की एक दराज के पीछे फंसा हुआ था, जिसकी वजह से वो डिलीवर नहीं हो पाया. यह लिफाफा करीब 50 साल लेट होकर अब लौटाया जा रहा है

करियर पर नहीं पड़ा असर, मगर सवाल रह गया
पोस्ट ऑफिस की इस गलती के बावजूद, उनके करियर पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. उन्होंने अपने जीवन में कई बाइक स्टंट किए और नाम कमाया. 50 से ज्यादा बार घर बदला, 4-5 बार देश बदले, लेकिन वो हमेशा यह सोचती रहीं कि आखिर उन्हें जवाब क्यों नहीं मिला. यह हैरानी की बात है कि इतने सालों और इतनी जगह बदलने के बाद भी डाक विभाग ने उन्हें ढूंढ लिया.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement