मौत के करीब थी लड़की, लड़खड़ाकर बेड पर गिरी, स्मार्ट वॉच ने ऐसे बचाई जान

लड़की ने बताया कि घर में रहते हुए मैं लड़खड़ा रही थी और ऐस लग रहा था कि मानो शरीर में जान ही न हो. किसी तरह आकर बेड पर गिरी और लेट गई. अचानक मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है. मैं बेहद डर गई तब मैंने स्मार्ट वॉच का सहारा लिया.

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सांकेतिक तस्वीर (फोटो- Pexels) सांकेतिक तस्वीर (फोटो- Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:05 PM IST

कहते हैं कि तकनीक जितनी तरक्की कर रही है उतनी ही मुसीबतें भी अपने साथ ला रही है. लेकिन यही तकनीक कई बार ऐसे बुरे हालातों में मददगार साबित होती है जहां जान बचाना भी मुश्किल हो जा रहा हो.अमेरिका के डेलावेयर में विलमिंगटन विश्वविद्यालय की एक छात्रा  Natalie Nasatka के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. 

नटेली को उस समय गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ा जब अचानक वह कार्बन मोनोऑक्साइड के लगभग खतरनाक लेवल के संपर्क में आ गई. वह मौत के बहुत करीब थी और मदद के लिए फोन तक पहुंचने में भी असमर्थ थी.

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ऐसे में उसकी एप्पल स्मार्ट वाच ने ही उसकी जान बचाई. उन्होंने फॉक्स एंड फ्रेंड्स को बताया, 'जब मैं एक सुबह उठी और नाश्ता किया, तब भी मैं थका हुआ महसूस कर रही थी, और इसलिए मैंने पर्सनल ट्रेनिंग कैंसिल कर सोने का फैसला किया.

इसके बाद रूम में जाने के लिए जब मैं सीढियां चढ़ने लगी तो मुझे चक्कर आ रहा था, लड़खड़ा रही थी और मानो शरीर में जान ही न हो. किसी तरह आकर बेड पर गिरी और लेट गई. अचानक मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है. मैं बेहद डर गई कि मुझे हो क्या रहा है.'

तभी उसने इमरजेंसी सर्विस से जुड़ने के लिए 911 कॉल के लिए अपनी Apple वॉच पर साइड बटन दबाए रखा.  मैंने 911 पर बताया कि मैं मुसीबत में हूं, ये संभवत: कार्बन मोनोऑक्साइड है. इमरजेंसी सर्विस और अग्निशामकों ने तुरंत जवाब दिया और उसे डेलावेयर के बेहेल्थ केंट कैंपस अस्पताल ले गए.

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डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, उसे इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया, जहां उसकी जान बचाई गई और छुट्टी देने से पहले 24 घंटे तक उसकी देखभाल की गई. फॉक्स न्यूज ने आगे बताया कि नटेली का मानना ​​है कि गैस का रिसाव हीटर से हुआ है. घटना के समय उसके अपार्टमेंट में कार्बन मोनोऑक्साइड डिटेक्टर नहीं था.

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