देश में अगर सबसे मुश्किल परीक्षाओं की बात की जाए तो यूपीएससी (UPSC) का नाम सबसे ऊपर आता है. हर साल लाखों युवा इस परीक्षा पर अपनी किस्मत आजमाते हैं. कई-कई सालों तक कोशिश करते हैं, घंटों पढ़ाई करते हैं, संघर्ष करते हैं, लेकिन इसके बावजूद किस्मत कुछ चुनिंदा लोगों का ही साथ देती है. दुनिया की टॉप 3 सबसे मुश्किल परीक्षाओं में शुमार यूपीएससी का रिजल्ट सिर्फ 0.1% से 0.2% तक ही होता है. हर साल करीब 10 से 12 लाख उम्मीदवार आवेदन करते हैं और अंत में सिर्फ 700 से 1000 लोग ही चुने जाते हैं.
यूपीएससी की सबसे बड़ी खासियत है इसका व्यापक सिलेबस, करेंट अफेयर्स की गहरी पकड़ और पर्सनैलिटी टेस्ट का अनोखा कॉम्बिनेशन. लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर इस एग्जाम से जुड़ा एक पुराना किस्सा चर्चा में है. इंस्टाग्राम पेज @simplified पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि 1947 का यूपीएससी पेपर कैसा होता था.
1947 में ऐसे थे यूपीएससी के सवाल?
वीडियो में दिखाया गया है कि उस दौर में यूपीएससी पेपर में सिर्फ 15 सवाल पूछे जाते थे. सवाल सुनकर आज का कोई भी उम्मीदवार हैरान रह जाएगा. उदाहरण के लिए —
-बीबीसी का फुल फॉर्म क्या है?
-भारत के चीन में एंबेसडर कौन हैं?
-पीएम का क्या मतलब होता है? यानी प्राइम मिनिस्टर कौन है?
-संयुक्त राष्ट्र (UN) पर विस्तार से लिखिए.
देखें वायरल वीडियो
आज के मुकाबले ये सवाल बेहद आसान लगते हैं, लेकिन वीडियो में ये भी कहा गया है कि उस समय देश को आजादी मिली ही थी. हालात बिल्कुल अलग थे और शिक्षा का स्तर भी आज जैसा विकसित नहीं था. इसलिए उस दौर के हिसाब से ये सवाल आसान नहीं बल्कि संतुलित माने जाते थे.
सोशल मीडिया पर चर्चा
जैसे ही ये वीडियो वायरल हुआ, लोग इसे देखकर हैरान रह गए. किसी ने कहा कि काश हम 1947 में होते तो UPSC पास करना आसान था, तो किसी ने लिखा कि उस दौर के हिसाब से ये सवाल भी उतने ही मुश्किल थे, जितने आज के टफ सवाल हैं.
कुल मिलाकर, आज जब यूपीएससी की तैयारी करने वाले युवाओं को हजारों पेज का सिलेबस पढ़ना पड़ता है, तब 1947 का यह पेपर हमें बताता है कि समय के साथ परीक्षा कितनी कठिन और जटिल होती चली गई है.
aajtak.in