कोरोना वायरस पर डेक्सामेथासोन दवा के ट्रायल के शुरुआती नतीजे का विश्व स्वास्थ्य संगठन
(WHO) ने स्वागत किया है. ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से डेक्सामेथासोन
दवा का करीब 2000 मरीजों पर ट्रायल किया गया था. ट्रायल में पता चला कि ये दवा कई मरीजों की जान बचाने में कामयाब रही है.
डेक्सामेथासोन दवा से खासकर वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहने वाले लोगों को फायदा हो रहा है. हालांकि, हल्के लक्षण वाले मरीजों में इस दवा से लाभ की पुष्टि नहीं हुई है.
WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडहैनम घेब्रियेसुस ने कहा- 'यह पहला ऐसा ट्रीटमेंट है जिससे ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहने वाले लोगों की मृत्यु दर में कमी आती दिखी है. यह काफी अच्छी खबर है. मैं ब्रिटेन की सरकार, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और अन्य लोगों को बधाई देता हूं.
ट्रायल के दौरान पता चला कि वेंटिलेटर पर रहने वाले मरीजों को ये दवा दिए जाने पर मौत का खतरा एक तिहाई घट गया. जिन मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई की जरूरत होती है, उनमें इस दवा के इस्तेमाल से मौत का खतरा 1/5 घट गया.
रिसर्चर्स का अनुमान है कि अगर ब्रिटेन में ये दवा पहले से उपलब्ध होती तो कोरोना से 5000 लोगों की जान बचाई जा सकती थी, क्योंकि ये दवा सस्ती भी है.