सोचिए आप ट्रेन में बैठे हैं और सफर खत्म ही नहीं हो रहा. कभी रेगिस्तान, कभी जंगल, कभी बर्फ वाले पहाड़, फिर बड़े-बड़े शहर और ट्रेन बस चलती ही जा रही है. कुछ मिनट में एक भारी मालगाड़ी तेज आवाज के साथ गुजर जाती है. कोयला, अनाज, कारें, मशीनें सब कुछ ले जाती है. यही तस्वीर है उस देश की, जिसके पास दुनिया का सबसे लंबा रेलवे नेटवर्क है. यह देश है अमेरिका, जहां रेल लाइनें इतनी ज्यादा हैं कि मानो दुनिया कई बार घूम ली जाए. अमेरिका का रेलवे नेटवर्क इतना बड़ा है कि यह पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत रखने में बड़ी भूमिका निभाता है. बंदरगाह, फैक्ट्री, खेत और बड़े-बड़े शहर शहर को जोड़ने का काम यही रेल करती है.
अमेरिका में रेल का बहुत पुराना इतिहास है. यह कहानी 1800 के दशक से शुरू होती है, जब अलग-अलग रेल कंपनियां पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ने के लिए पटरियां बिछा रही थीं. फिर 1869 में पहला बड़ा रेल मार्ग तैयार हुआ और उसके बाद रेल लाइनें लगातार बढ़ती गईं.धीरे-धीरे छोटी कंपनियां मिलकर बड़ी कंपनियां बन गईं और पूरे देश में रेल जाल फैल गया. अमेरिका ने अपनी रेल प्रणाली को निजी कंपनियों के हाथ में ही रखा, खासकर माल भेजने के लिए. इससे रेलवे तेजी से बढ़ता गया और आज भी बड़ी निजी कंपनियां ही मुख्य रूट चलाती हैं.
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अमेरिका की रेलवे दुनिया से इसलिए अलग है, क्योंकि यहां ट्रेनें ज्यादा यात्रियों के लिए नहीं, बल्कि माल ढोने के लिए चलती हैं. जहां यूरोप और जापान तेज रफ्तार वाली यात्री ट्रेनों के लिए मशहूर हैं, वहीं अमेरिका का पूरा जोर मालगाड़ियों पर है. यही कारण है कि अमेरिका में 28% माल सिर्फ रेल के जरिए जाता है. अमेरिका की मालगाड़ियों का पैमाना इतना बड़ा है कि एक ही ट्रेन राजमार्गों पर चलने वाले 280 ट्रकों जितना सामान ले जाती है. साथ ही, यह सिर्फ एक गैलन ईंधन में एक टन माल को करीब 480 मील तक पहुंचा सकती है.
दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क की बात करें तो अमेरिका सबसे आगे है. यहां लगभग 2,20,000 किलोमीटर लंबी रेल लाइन है. इस पूरे नेटवर्क को चलाने में 6,000 से भी ज्यादा कंपनियां शामिल हैं. इनमें कुछ बहुत बड़ी हैं, जो पूरे देश में माल ढुलाई करती हैं और कुछ छोटी कंपनियां स्थानीय स्तर पर ट्रेनें चलाती हैं.
अमेरिका में एक बेहद दिलचस्प बात यह भी है कि यहां करीब 500 किलोमीटर लंबी एक सीधी रेल लाइन है, जिसमें एक भी मोड़ नहीं है. यह दुनिया की सबसे लंबी सीधी पटरियों में से एक मानी जाती है. अमेरिका का अधिकांश रेल नेटवर्क 19वीं सदी में बनाया गया था, उस समय जब न आधुनिक सड़कें थीं और न हवाई जहाज. यही वजह है कि आज भी कई पुराने पुल, सुरंगें और पटरियां इस्तेमाल में हैं.
इतना ही नहीं अमेरिका की मालगाड़ियां भी अपनी लंबाई के लिए मशहूर हैं. यहां कई ट्रेनें इतनी लंबी होती हैं कि उनकी कुल लंबाई 3 किलोमीटर तक पहुंच जाती है. यह दुनिया में सबसे लंबी मालगाड़ियों में से हैं. हालांकि अमेरिका का रेल नेटवर्क दुनिया में सबसे बड़ा है, लेकिन यहां की यात्री ट्रेनें बहुत तेज नहीं हैं. अमेरिका की सबसे तेज ट्रेन लगभग 240 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ती है, जो यूरोप और जापान की तुलना में काफी कम है.
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अमेरिका की अर्थव्यवस्था माल रेल प्रणाली पर टिकी हुई है. कोयला, अनाज, ऑटोमोबाइल और कंटेनर जैसे सामान इन रेलगाड़ियों से हजारों किलोमीटर तक भेजा जाता है. यही वजह है कि देश की सप्लाई चेन मजबूत है और बंदरगाहों से लेकर गांव-कस्बों तक हर जगह सामान तेजी से पहुंचता है. खास बात यह है कि मालगाड़ियां सड़क के मुकाबले कम ईंधन खर्च करती हैं. इससे पर्यावरण को भी कम नुकसान होता है. देखा जाए तो एक टन सामान को दूर तक ले जाने में रेल की ईंधन क्षमता ट्रकों से कई गुना बेहतर है. इसीलिए अमेरिका का रेलवे नेटवर्क सिर्फ सबसे लंबा ही नहीं, बल्कि अपने काम और क्षमता के हिसाब से दुनिया में सबसे प्रभावशाली माना जाता है.
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