सऊदी अरब या स्विट्जरलैंड! बर्फबारी देख लोग बोले- कुदरत का करिश्मा है या AI का धोखा

सऊदी अरब से सामने आई बर्फबारी की तस्वीरों और वीडियो ने सोशल मीडिया पर लोगों को हैरान कर दिया है. जिस देश को पूरी दुनिया तपते रेगिस्तान के लिए जानती है, वहीं अब पहाड़ और सड़कें बर्फ की सफेद चादर में लिपटी दिख रही हैं.

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जबल अल-लॉज में बर्फबारी का अद्भुत नजारा (Photo: instagram.com/ @storm_ae) जबल अल-लॉज में बर्फबारी का अद्भुत नजारा (Photo: instagram.com/ @storm_ae)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:13 PM IST

कल्पना कीजिए कि जिस तपते रेगिस्तान में सूरज की तपिश से रेत उबलती हो, वहां अचानक आसमान से रुई जैसी सफेद बर्फ गिरने लगे. सुनने में यह किसी हॉलीवुड फिल्म का सीन या फिर 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' (AI) का कोई कमाल लग सकता है, लेकिन इस समय सोशल मीडिया पर सऊदी अरब से जो तस्वीरें और वीडियो आ रहे हैं, उन्होंने पूरी दुनिया के लोगों को हैरान कर दिया है. क्या वाकई सऊदी अरब जैसे देश में ऐसी भारी बर्फबारी हो सकती है या फिर यह इंटरनेट पर फैलाया गया कोई डिजिटल भ्रम है? आइए जानते हैं इस सफेद रेगिस्तान के पीछे का असली सच.

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रेगिस्तान बना 'विंटर वंडरलैंड'

उत्तरी सऊदी अरब के तबुक (Tabuk) क्षेत्र और ट्रोजेना की पहाड़ियों से आई तस्वीरों ने सबको हैरान कर दिया है. यहां के प्रसिद्ध 'जबल अल-लॉज' पहाड़ों पर बुधवार को ऐसी भारी बर्फबारी हुई कि ऊबड़-खाबड़ रेगिस्तानी पहाड़ पूरी तरह सफेद चादर में लिपट गए. इस दौरान न सिर्फ बर्फ गिरी, बल्कि घने कोहरे और तेज हवाओं ने भी जबरदस्त ठिठुरन बढ़ा दी. इलाके में ठंड का आलम यह था कि तापमान गिरकर माइनस 4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. बीर बिन हिरमास और अल-उयैना जैसे इलाकों में हुई इस बर्फबारी ने तपते मरुस्थल को एक ठंडे 'विंटर डेस्टिनेशन' में बदल दिया है.

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असली है या नकली? सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस 

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जैसे ही इन नजारों के वीडियो वायरल हुए, सोशल मीडिया यूजर्स के बीच एक नई बहस शुरू हो गई. आजकल AI के जरिए कुछ भी बनाना मुमकिन है, इसलिए कई लोगों ने सवाल पूछा कि "क्या यह असली है या किसी ने AI की मदद से इसे बनाया है?" इंस्टाग्राम और ट्विटर पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है. कोई इसे 'कयामत की निशानी' बता रहा है, तो कोई इसे जलवायु परिवर्तन (Climate Change) का खतरनाक संकेत. कुछ लोगों ने तो मजाक में यह भी लिख दिया कि अब सांता क्लॉज को सऊदी अरब में अपना नया घर बना लेना चाहिए. हालांकि, यह पूरी तरह कुदरत का असली खेल है, कोई तकनीकी कलाकारी नहीं.

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क्या सऊदी में बर्फ गिरना वाकई में अनोखा है?

सुनने में यह भले ही अजीब लगे, लेकिन सऊदी अरब के लिए बर्फबारी अब बिल्कुल नई बात नहीं रह गई है. हालांकि पूरा सऊदी भीषण गर्मी के लिए मशहूर है, लेकिन तबुक क्षेत्र की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 2,600 मीटर से ज्यादा है. इस ऊंचाई की वजह से सर्दियों में यहां का मौसम काफी ठंडा हो जाता है और लगभग हर साल हल्की या भारी बर्फबारी देखने को मिलती है. अब तो हालत यह है कि बर्फ गिरने की खबर सुनते ही खाड़ी देशों के पर्यटक भारी तादाद में यहां खिंचे चले आते हैं. पिछले साल भी अल-जॉफ क्षेत्र में ऐसी ही बर्फबारी हुई थी, जो बताती है कि रेगिस्तान का मिजाज अब धीरे-धीरे बदल रहा है.
 

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