वेब सीरीज देख पैक कर रहे हैं बैग! Gen Z और मिलेनियल्स की पहली पसंद बना नॉर्थ-ईस्ट

जो जगहें कल तक ट्रैवल मैप में पीछे छूट जाती थीं, वही 2025 में युवाओं की पहली पसंद बन गईं. वजह सिर्फ सस्ते टिकट या सोशल मीडिया नहीं, बल्कि वो कहानियां हैं जो OTT स्क्रीन से निकलकर लोगों को बैग पैक करने पर मजबूर कर रही हैं.

Advertisement
पर्दे की कहानियों ने इन वादियों को बनाया 'ट्रैवल हॉटस्पॉट' (Photo: Getty Images) पर्दे की कहानियों ने इन वादियों को बनाया 'ट्रैवल हॉटस्पॉट' (Photo: Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 29 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:49 PM IST

अगर साल 2025 के सबसे बड़े ट्रेंड्स पर नजर डालें, तो भारतीयों के घूमने-फिरने के अंदाज में एक गजब का बदलाव देखने को मिला है. अब वो जमाना गया जब साल में बस एक बार ही छुट्टियों की प्लानिंग होती थी. अब तो लोग हर दूसरे महीने बैग पैक कर लेते हैं, क्योंकि अब तो ट्रैवल हर किसी की विशलिस्ट में टॉप पर पहुंच गया है. एक तरफ जहां मिलेनियल्स सुकून और धीमी रफ्तार वाले अनुभवों को खोज रहे हैं, वहीं जेनरेशन Z यानी आज की युवा पीढ़ी ईएमआई (EMI) पर फ्लाइट बुक करके नई-नई जगहों को एक्सप्लोर करने से पीछे नहीं हट रही है.

Advertisement

इस साल सिर्फ मौज-मस्ती ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक यात्राओं और वेलनेस सेंटर्स की तरफ भी लोगों का रुझान काफी बढ़ा है. यात्री अब केवल फोटो खिंचवाने के लिए नहीं, बल्कि मन की शांति और जीवन के असली मायने तलाशने के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर ये पूरी भीड़ किस ओर रुख कर रही है?

इसका जवाब किसी ट्रैवल एजेंट के पास नहीं, बल्कि हमारे स्मार्टफोन और टीवी पर दिन-रात चलने वाले ओटीटी शोज की कहानियों में छिपा है. अब आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि भला घूमने-फिरने का जवाब मोबाइल या टीवी पर चलने वाली इन कहानियों में कैसे छिपा हो सकता है. आखिर एक वेब सीरीज किसी को अपना बैग पैक करने पर कैसे मजबूर कर सकती है? तो चलिए, इस रोमांचक कनेक्शन को जरा विस्तार से समझते हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें: भारत के इस राज्य में मिलता है फिनलैंड जैसा 'वर्ल्ड क्लास' माहौल, यूरोप भी फीका!

पर्दे की कहानियों ने जगाई पूर्वोत्तर घूमने की प्यास

आज हम ओटीटी के उस दौर में जी रहे हैं जहां फिल्में और वेब सीरीज सिर्फ मनोरंजन नहीं करतीं, बल्कि हमें दुनिया की सबसे खूबसूरत लोकेशन्स की सैर भी कराती हैं. जब हम पर्दे पर किसी कहानी के साथ-साथ वहां के मनोरम दृश्य देखते हैं, तो मन में उन जगहों को हकीकत में जीने की इच्छा जाग उठती है. यही वजह है कि साल 2025 में पूर्वोत्तर भारत यानी नॉर्थ-ईस्ट इस स्क्रीन-प्रेरित जिज्ञासा का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है. द फैमिली मैन (सीजन 3), पाताल लोक (सीजन 2) और दिल्ली क्राइम (सीजन 3) जैसे धाकड़ शोज ने पूर्वोत्तर की उन वादियों, हरी-भरी पहाड़ियों और वहां की जादुई संस्कृति को जनता के सामने पेश किया, जो अब तक लोगों की नजरों से ओझल थीं.

स्क्रीन पर दिखी इस खूबसूरती का सीधा असर लोगों के ट्रैवल पैटर्न पर पड़ा है. ट्रैवल प्लेटफॉर्म ixigo के द ग्रेट इंडियन ट्रैवल इंडेक्स 2025 के ताजा आंकड़े बताते हैं कि साल 2025 में पूर्वोत्तर के शहरों के लिए उड़ान भरने वालों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है. नागालैंड के डिमापुर को ही ले लीजिए, जहां फ्लाइट बुकिंग में 77 प्रतिशत का ऐसा जबरदस्त उछाल आया कि मानो वहां सैलानियों की बाढ़ ही आ गई हो. इसी रेस में त्रिपुरा का अगरतला भी पीछे नहीं रहा और वहां भी करीब 48 प्रतिशत की शानदार ग्रोथ देखी गई.

Advertisement

सिर्फ यही नहीं, असम का गुवाहाटी, मणिपुर का इम्फाल और अरुणाचल प्रदेश का इटानगर भी अब मुसाफिरों की पहली पसंद बन चुके हैं. इन आंकड़ों को देखकर एक बात तो साफ है कि जिन जगहों को कभी बहुत दूर, दुर्गम या मुश्किल माना जाता था, आज वहां पहुंचने के लिए लोगों के बीच एक नई होड़ मची है. पर्दे पर दिखे पूर्वोत्तर के नजारों ने इन गुमनाम रास्तों को अब सबसे बड़ा ट्रैवल डेस्टिनेशन बना दिया है.

यह भी पढ़ें: ब्रेकअप का गम हो या ऑफिस का तनाव, मन की शांति के लिए बेस्ट हैं ये 5 लोकेशन

पूर्वोत्तर की बढ़ती लोकप्रियता ने रचा नया इतिहास

सिर्फ नए शहर ही नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर के सदाबहार ठिकाने भी इस साल खूब चमक रहे हैं. 'अगोडा' (Agoda) के विश्लेषण के मुताबिक, अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच दार्जिलिंग इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला डेस्टिनेशन बनकर उभरा है. अपनी चाय के बागानों और ठंडी वादियों के लिए मशहूर दार्जिलिंग के बाद दूसरे नंबर पर सिक्किम का गंगटोक और तीसरे नंबर पर मेघालय का शिलांग रहा. ये तीनों ही जगहें अपने सुहावने मौसम और अनोखे सांस्कृतिक अनुभवों के लिए हमेशा से सैलानियों की पसंदीदा रही हैं. त्योहारों और सर्दियों के इस मौसम में इन पहाड़ी शहरों का आकर्षण और भी बढ़ गया है, जिससे यह साफ होता है कि यात्री अब पुराने और नए दोनों तरह के अनुभवों को एक साथ जीना चाहते हैं.

Advertisement

जैसे-जैसे साल खत्म होने की ओर है, गुवाहाटी और सिलीगुड़ी जैसे शहर भी टॉप-5 की लिस्ट में मजबूती से अपनी जगह बनाए हुए हैं. घरेलू यात्रियों के बीच पूर्वोत्तर की यह बढ़ती दीवानगी बताती है कि भारतीय अब भीड़भाड़ वाले पारंपरिक हिल स्टेशनों से ऊबकर कुछ नया और वास्तविक ढूंढ रहे हैं. ओटीटी शोज ने पूर्वोत्तर को सिर्फ एक लोकेशन के तौर पर नहीं, बल्कि एक अहसास के तौर पर पेश किया है. यही कारण है कि आज का मुसाफिर सिर्फ घूमने नहीं जा रहा, बल्कि वह उन कहानियों का हिस्सा बनने जा रहा है जिन्हें उसने कभी स्क्रीन पर देखा था. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement