भारत के इस राज्य में मिलता है फिनलैंड जैसा 'वर्ल्ड क्लास' माहौल, यूरोप भी फीका!

फिनलैंड का नाम सुनते ही एक खूबसूरत सी जगह, सुकून भरी जिंदगी और बेहतरीन सुविधाएं जहन में आती हैं. लेकिन भारत में भी एक ऐसा राज्य है, जिसे भारत का फिनलैंड कहा जाता है. इसकी वजहें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.

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भारत का अपना फिनलैंड (Photo: Pexels) भारत का अपना फिनलैंड (Photo: Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 28 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:30 AM IST

जब भी हम किसी ऐसी जगह के बारे में सोचते हैं जहां की हवा में सुकून हो, हर तरफ हरियाली हो और लोग बेहद पढ़े-लिखे और सभ्य हों, तो दिमाग में सबसे पहला नाम यूरोप के देश फिनलैंड का आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने भारत के नक्शे पर भी एक ऐसी जगह मौजूद है, जिसे दुनिया 'भारत का फिनलैंड' कहती है? अक्सर लोग फिनलैंड का नाम सुनकर बर्फीले पहाड़ों की कल्पना करने लगते हैं, लेकिन दक्षिण-पश्चिमी राज्य केरल की तुलना बर्फ की वजह से नहीं, बल्कि यहां के रहने के ऊंचे स्तर और कमाल की सुख-सुविधाओं की वजह से की जाती है.

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अगर आप भी इस साल किसी ऐसी जगह जाने का मन बना रहे हैं जहां कुदरत की खूबसूरती के साथ-साथ आपको एक विकसित समाज की झलक मिले, तो यकीन मानिए केरल आपकी लिस्ट में सबसे ऊपर होना चाहिए.

भारत अपनी विविधताओं के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है, जहां एक तरफ तपते रेगिस्तान हैं तो दूसरी तरफ समंदर की लहरें. इन्हीं सबके बीच दक्षिण-पश्चिम का यह कोना अपनी एक अलग ही चमक बिखेरता है. केरल को 'गॉड्स ओन कंट्री' यानी भगवान का अपना देश भी कहा जाता है, जहां के बैकवाटर्स और ऊंचे ताड़ के पेड़ किसी फिल्मी दृश्य जैसे लगते हैं. लेकिन इस राज्य की असली पहचान सिर्फ इसके नजारों में नहीं, बल्कि यहां के लोगों और उनके जीवन जीने के तरीके में छिपी है. यही वह वजह है जो शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में केरल को फिनलैंड जैसे दुनिया के सबसे विकसित और खुशहाल देश की कतार में लाकर खड़ा कर देती है.

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शिक्षा का वर्ल्ड क्लास मॉडल

केरल को भारत का फिनलैंड कहे जाने के पीछे सबसे बड़ी ताकत यहां का शिक्षा और सामाजिक विकास पर मजबूत फोकस है. फिनलैंड की तरह ही यहां भी पढ़ाई-लिखाई को सबसे ऊपर रखा जाता है, जिसका नतीजा यह है कि केरल की साक्षरता दर देश में सबसे ऊंची है. दिलचस्प बात यह है कि फिनलैंड-भारत शिक्षा साझेदारी के माध्यम से दोनों के संबंध और भी मजबूत हुए हैं, जिसके कारण फिनलैंड की आधुनिक शिक्षण पद्धतियां अब केरल के स्कूलों का हिस्सा बन रही हैं. जब पढ़ाई का स्तर इतना ऊंचा हो, तो समाज अपने आप प्रगतिशील और शांतिपूर्ण बन जाता है.

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झीलों वाला जादुई भौगोलिक मेल

प्रगति के साथ-साथ केरल का भूगोल भी काफी हद तक फिनलैंड से मेल खाता है. फिनलैंड को जहां 'हजारों झीलों की भूमि' कहा जाता है, वहीं केरल अपने बेमिसाल बैकवाटर्स, नदियों और लैगून के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. दोनों ही क्षेत्रों के लोग अपनी कुदरत का बेहद सम्मान करते हैं और पर्यावरण की रक्षा को अपनी जिम्मेदारी समझते हैं. यहां के शांत पानी में हाउसबोट का सफर आपको वैसा ही सुकून देता है जैसा नॉर्डिक देशों (डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन) के प्राकृतिक नजारों में मिलता है.

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बेमिसाल स्वास्थ्य एवं सामाजिक सेवाएं

केरल में स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाएं इतनी उत्कृष्ट हैं कि इनकी तुलना विकसित देशों से की जाती है. यहां के लोग औसतन अधिक समय तक जीवित रहते हैं और शिशु मृत्यु दर देश में सबसे कम है. केरल का मानव विकास सूचकांक (HDI) कई यूरोपीय देशों के समान है, जिससे यहां के निवासियों का जीवन फिनलैंड की तरह ही सुखमय और स्वस्थ बना रहता है. .

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महिला सशक्तिकरण की मिसाल

इस राज्य की सबसे बड़ी खूबी यहां का सामाजिक संतुलन है. केरल भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है, जो फिनलैंड जैसे प्रगतिशील नॉर्डिक देशों की एक प्रमुख विशेषता है. यह आंकड़े दर्शाते हैं कि केरल का समाज कितना विकसित और समावेशी है. महिलाओं को समान अधिकार और सम्मान मिलने की वजह से ही केरल आज आत्मनिर्भरता और खुशहाली के मामले में 'भारत का फिनलैंड' बनकर उभर रहा है.

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