जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा कारणों से कई पर्यटन स्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था. अब महीनों की कड़ी सुरक्षा समीक्षा के बाद, जम्मू-कश्मीर ने पर्यटकों के लिए इन टूरिस्ट प्लेस को खोल दिया है. यह फैसला स्थानीय प्रशासन के पर्यटन को सुरक्षित रूप से बहाल करने के मजबूत इरादे को दर्शाता है.
29 सितंबर से 12 पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए उपलब्ध हो गए हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पर्यटन को धीरे-धीरे सामान्य करने के लिए यह फैसला लिया है. इस बात की घोषणा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर की थी. उन्होंने बताया कि संयुक्त मुख्यालय की बैठक में गहन सुरक्षा समीक्षा के बाद, कश्मीर और जम्मू संभाग में 12 और पर्यटन स्थलों को खोलने का आदेश दिया गया है, जिन्हें एहतियात के तौर पर बंद किया गया था. इससे पहले, 17 जून, 2025 को भी कुछ अन्य स्थल, जिनमें पहलगाम के कुछ हिस्से भी शामिल थे, पर्यटकों के लिए खोले गए थे.
यह भी पढ़ें: मैसूर की रक्षक देवी,1000 साल पुराना इतिहास, नवरात्रि में घूम आएं इस धाम
कश्मीर संभाग के सात स्थल: अरु घाटी, राफ्टिंग पॉइंट यान्नर, अक्कड़ पार्क, पादशाही पार्क और कमान पोस्ट.
जम्मू संभाग के पांच स्थल: कठुआ में दागन टॉप, रामबन, धागर और रियासी के सलाल में शिव गुफा
इन स्थलों में शांत घाटियां, झरने, ऐतिहासिक उद्यान और पवित्र स्थल शामिल हैं, जो पर्यटकों को विविधतापूर्ण अनुभव प्रदान करेंगे.
यह भी पढ़ें: रेलवे का यात्रियों को तोहफ़ा! दिवाली और छठ के लिए इन 8 रूटों पर चलेंगी स्पेशल ट्रेनें
यह प्रक्रिया कड़ी सुरक्षा उपायों के साथ लागू की गई है. यह कदम दिखाता है कि स्थानीय प्रशासन पर्यटकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा ह. गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था, जिसके तहत सीमा पार आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया था. इन प्रयासों के बाद अब पर्यटन को सुरक्षित रूप से बहाल करना, सामान्य स्थिति की ओर लौटने का एक मजबूत संकेत है.
aajtak.in