भारत में घूमने और देखने के लिए बहुत कुछ है. अगर आप इन जगहों को गिनेंगे, तो एक लंबी-चौड़ी ट्रैवल बकेट लिस्ट बन जाएगी. इन्हीं में शामिल है ‘विंटर लाइन’, जो भारत के सबसे दुर्लभ प्राकृतिक नजारों में से एक है. ये लाइन सिर्फ सर्दियों में ही दिखती है. ‘विंटर लाइन’ को देखने हर साल लाखों टूरिस्ट भारत में उमड़ पड़ते हैं. आइए जानते हैं कि ‘विंटर लाइन’ क्या है, भारत में इसे कब और कहां देखा जा सकता है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्स एक्स (पहले ट्विटर) पर रूरल नोमद (@rural_nomad) नाम के यूजर ‘विंटर लाइन’ की तस्वीर पोस्ट की है. वे भारत के सबसे मनमोहक नजारों में से एक ‘विंटर लाइन’ की भारी शब्दोें में तारीफ करते हैं. उन्होंने दुनिया भर में मशहूर विंटर लाइन को मसूरी की शान बताया.
विंटर लाइन एक अति दुर्लभ प्राकृतिक नजारा है, जो सिर्फ मौसम के कुछ खास पलों में ही दिखती है. जो लोग दुर्लभ प्राकृतिक नजारों, सर्दियों के आसमान और वातावरण के रहस्यों से प्यार करते हैं, उनको विंटर लाइन को जरूर देखना चाहिए. जिनको ये लाइन दिख जाती है, उनको कभी न भुलाए जाने वाला अनुभव हासिल होता है.
क्या है विंटर लाइन?
विंटर लाइन एक दुर्लभ वायुमंडलीय घटना (Atmospheric Phenomenon) है, जो सर्दियों में उत्तराखंड में मसूरी, चकराता और नैनीताल में दिखाई देती है. इसमें सूर्यास्त के समय आसमान में एक चमकदार क्षैतिज पट्टी बन जाती है, जो असल क्षितिज से अलग दिखाई देती है. इसी कारण इसे ‘झूठा क्षितिज’ (False Horizon) भी कहा जाता है.
विंटर लाइन कैसे बनती?
यह घटना ठंडी और गर्म हवाओं के टकराने, तापमान में तेज़ अंतर और भूगोलिक संरचना (जैसे उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र) की वजह से दिखाई देती है, जो इसे अत्यंत सुंदर और अद्भुत बनाती है. विंटर लाइन देखने का सही समय नवंबर और दिसंबर के महीने को बताया जाता है. हर साल दिसंबर के अंत में मसूरी में ‘विंटर लाइन महोत्सव’ का आयोजन होता है. तो इन सर्दियों में आपको उत्तराखंड में इस प्राकृतिक नजारे को देखने के लिए जरूर जाना चाहिए.
अजय भारतीय