गोवा का नाम सुनते ही दिमाग में भीड़-भाड़, म्यूजिक और चहल-पहल से भरे बीच की तस्वीरें ज़हन में आती हैं. लेकिन सच यह है कि गोवा और कर्नाटक की सीमा पर कुछ ऐसे बीच भी हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. यहां न शोर है, न ही भीड़ का दबाव. सिर्फ लहरों की आवाज़, सन्नाटा और प्रकृति का असली रूप.अगर आप ट्रैवलर हैं और असली सुकून ढूंढ रहे हैं, तो ये बीच आपके लिए किसी 'सीक्रेट एड्रेस' से कम नहीं है.
पोलम बीच को गोवा का आखिरी मोड़ कहा जाता है. यह दक्षिण गोवा का सबसे साउथ बीच है, जहां से गोवा की सीमा खत्म होकर कर्नाटक की शुरुआत होती है. यहां पहुंचते ही ऐसा लगता है मानो समय थम गया हो. भीड़ से दूर यह बीच मछुआरों की नावों और सुनहरी रेत से भरा मिलता है. यहां टहलते हुए समुद्र की लहरों की आवाज़ ही आपकी साथी बनती है.
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अगर आप बस रेत पर लेटकर प्राकृतिक नज़ारों का मज़ा लेना चाहते हैं, तो तलपोना बीच आपके लिए परफेक्ट है. यहां तालपोना नदी समंदर से मिलती है और दृश्य किसी पेंटिंग जैसा लगता है. इसके अलावा शांत माहौल, रेत के लंबे आर्क और पुल से दिखता हुआ नज़ारा इसे बेहद खास बनाता है. इतना ही नहीं बर्ड वॉचिंग के शौकीनों के लिए भी यह जगह बेहतरीन है, क्योंकि यहां किंगफिशर और एग्रेट जैसे पक्षी आसानी से दिख जाते हैं.
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गलगिबागा बीच को लोग टर्टल बीच भी कहते हैं, क्योंकि यहां दुर्लभ ऑलिव रिडले कछुए अंडे देने आते हैं. इतना ही नहीं नवंबर से अप्रैल तक इनके संरक्षण के लिए खास इंतज़ाम किए जाते हैं. इसी वजह से यहां रात में रोशनी जलाना सख्त मना है और पर्यटकों को नियमों का पालन करना जरूरी होता है. अगर आपको प्रकृति और वाइल्डलाइफ़ को करीब से देखने का शौक है, तो यह बीच आपके लिए किसी खजाने से कम नहीं है.
देवबाग बीच समुद्र और हरियाली का खूबसूरत संगम है. यहां तक आप नाव की सवारी करते हुए कोडीबाग-काली नदी से पहुंच सकते हैं. इसके अलावा सुनहरी रेत, लहराते पेड़ और ठंडी समुद्री हवा यहां आने वाले हर यात्री का स्वागत करती है. अगर किस्मत ने साथ दिया, तो आपको यहां पानी में मस्ती करती डॉल्फ़िन भी देखने को मिल सकती हैं.
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