नॉर्थ ईस्ट का खूबसूरत राज्य मेघालय आजकल इंदौर के राजा रघुवंशी मर्डर केस की वजह से चर्चा में है. जिस तरह से अपने हनीमून पर नई जिंदगी की शुरुआत करने गए राजा का मर्डर हुआ. इसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. 11 मई को इंदौर में राजा संग सात फेरे लेने वाली सोनम अब 11 जून को सलाखों तक पहुंच गई है. खैर ये तो रही एक मर्डर मिस्ट्री की बात, लेकिन मेघालय की असली पहचान यहां की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए है. इस मर्डर मिस्ट्री से दूर हम आपको बताते हैं मेघालय की असली कहानी, कैसे हुआ इस राज्य का जन्म और क्या है इसकी खास बातें?
मेघालय का मतलब होता है बादलों का घर. (The Abode of Clouds) जैसे ही इस राज्य में आप प्रवेश करेंगे आपका सामने बादलों से होगा.एक पल में बारिश दूसरे पल घना कोहरा, इस राज्य की खूबसूरती को और बढ़ाता है. मेघालय का इतिहास सोलहवी शताब्दी से शुरू होता है. 1765 ई. में असम के इस इलाके में ब्रिटिश राज्य अपना अधिकार जमाने लगा था. ईस्ट इंडिया के ब्रिटिश अधिकारी सबसे पहले यहां के खासी लोगों के संपर्क में आए. उस दौर में खासी सिलहट की सरहद पर पांडुआ में अपने सामानों का कारोबार करते थे. 1866 में तुरा ( अभी मेघालय) में ब्रिटिश हुकूमत ने अपना ऑफिस बनाया. गारो हिल्स जिले के पहले डिप्टी कमिश्नर के रूप में जिला मुख्यालय के संस्थापक ले विलियम्सन की नियुक्ति हुई. 1899 में ईसाई मिशनरियों के खिलाफ सेने खासी के नाम से 'खासी पुनरुत्थान आंदोलन शुरू हुआ. उसके कई सालों के बाद 1928 में साइमन कमिशन के आने के बाद खासी नेशनल फ्रंट द्वारा अलग खासी राज्य की मांग की गई.
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1954 में इस इलाके के लोगों ने अलग राज्य की मांग शुरू की, जिसे राज्य पुनर्गठन आयोग ने अस्वीकार कर दिया. 1960 में ऑल पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फ्रेंस का गठन किया गया. 1970 में असम के अंतर्गत मेघालय का गठन एक स्वायत्तशासी राज्य के रूप में किया गया और 1972 में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया. शिलॉन्ग, जो पहले असम की राजधानी थी, अब मेघालय की राजधानी है. इस राज्य की स्थापना ने खासी, जयंतिया और गारो जनजातियों को अपनी सांस्कृतिक और प्रशासनिक पहचान को संरक्षित करने का अवसर दिया.
मेघालय ऐसा राज्य है, जहां मातृसत्तात्मक समाज (Matrilineal society) है. आमतौर पर भारत में शादी के बाद लड़कियां अपने पति के साथ उसके घर में जाती हैं, लेकिन मेघालय ऐसा राज्य हैं, जहां लड़के शादी के बाद अपनी पत्नी के घर में शिफ्ट होते हैं. इस राज्य में लोग अपने पिता नहीं बल्कि अपनी मां का सर नेम लगाते हैं और खास बात ये है कि यहां दहेज जैसी कोई प्रथा नहीं है. यहां अरेंज मैरिज कम ही होती है. इस राज्य में सब्जी, मीट या मेडिकल स्टोर महिलाएं ही चलाती हैं. यही नहीं बल्कि शराब की दुकानें भी महिलाएं ही चलाती नजर आती हैं.
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मेघालय में तीन पर्वत ऋंखलाएं हैं- गारो पहाड़ियां, खासी और जैतिया पहाड़ियां, ये तीनों पहाड़ियां सैकड़ों साल पुरानी हैं. इन पहाड़ियों में गारो पहाड़ियां सबसे कम ऊंची हैं, गारो पहाड़ियां प्रदेश के पश्चिमी भाग् में स्थित हैं. प्रदेश के मध्य में खासी पहाड़ियां हैं, जिनकी सबसे ऊंची चोटी शिलांग चोटी है. इसकी ऊंचाई करीब 200 मीटर है. मेघालय की सबसे उंची चोटी नोकोक है, जो गारो हिल्स में स्थित है.
मेघालय का चेरापूंजी विश्व का सबसे ज्यादा बारिश वाला क्षेत्र है, मेघालय में सिर्फ चेरापूंजी नहीं, बल्कि मासिनराम भी बारिश के लिए पहचान रखता है. इन दोनों शहरों में सबसे ज्यादा बारिश होने की वजह ये है कि ये दोनों तीनों तरफ से पहाड़ों से घिरे हुए हैं. प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर चेरापूंजी में देश भर से टूरिस्ट घूमने आते हैं. चारों तरफ खूबसूरत झरने पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं. सेवन सिस्टर वॉटर फॉल जहां एक साथ सात झरने नजर आते हैं. पूरे 9 महीने यहां झरने की आवाज सुनाई देता है. वैसे मेघालय में इतने सारे वॉटर फॉल है कि उसे पार करने के लिए कई जगह ब्रिज बनाए गए हैं. यहां के लोगों पेड़ों की जड़ों और उनके ब्रांच से ये ब्रिज बनाते हैं.
चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा और आकर्षक सड़कों और पुलों से सुसज्जित, शांत उमियाम झील गुवाहाटी-शिलांग मार्ग को इस क्षेत्र के सबसे मनोरम मार्गों में से एक बनाता है. इस झील का निर्माण साठ के दशक में उमियाम नदी पर एक बांध बनाए जाने के दौरान हुआ था, जो एक जलविद्युत परियोजना का हिस्सा था. उमियाम झील कई लोगों के लिए एक पसंदीदा स्थान बन गई है. इस रास्ते से गुजरते हुए आपको एक अदभुत एहसास होगा.
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एलीफेंट फॉल्स, जिसे खासी भाषा में 'का क्षैद लाई पातेंग खोहसिएव' भी कहा जाता है, ये यहां का मशहूर वॉटर फॉल है. यह झरना अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत परिवेश के लिए जाना जाता है, जो इसे पर्यटकों के लिए लोकप्रिय बनाता है.
एलीफेंट फॉल्स नाम अंग्रेजों ने दिया था, जिन्होंने झरने के पास हाथी के आकार की एक बड़ी चट्टान देखी थी. 1897 के भूकंप में वह चट्टान नष्ट हो गई, लेकिन झरने का नाम वही बना रहा.
Dawki पश्चिम जयंतिया में स्थिति है. इसका निर्माण 1932 में अंग्रेजों ने किया था. डॉकी एक ऐसा स्थान है, जो प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर का एक अनोखा मिश्रण है, जो पर्यटकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाता है. डॉकी हरे-भरे पहाड़ियों, सुरम्य झरनों और गुफाओं से घिरा हुआ है, जो इसकी समग्र आकर्षण को बढ़ाता है और इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग बनाता है.
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मेघालय जाने के लिए अगर आप हवाई यात्रा करना चाहते हैं, तो राजधानी शिलॉन्ग से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर उमरोई में एयरपोर्ट हैं. जहां से आप टैक्सी बुक करके मेघालय के दूसरे शहरों में जा सकते हैं. उमरोई के अलावा गुवाहाटी एयरपोर्ट भी एक ऑप्शन हैं, जहां से शिलांग की दूरी करीब 128 किलोमीटर है. वहां से शिलांग के लिए आप बस ले सकते हैं या टैक्सी बुक करके भी जा सकते हैं. अगर आप ट्रेन से सफर करना चाहते हैं तो असम के गुवाहाटी में रेलवे स्टेशन हैं जो शिलांग से 105 किलोमीटर दूर है.
स्मिता चंद