सिर्फ 5 हजार में घूम आएं फूलों की इस घाटी में... जन्नत से कम नहीं यह जगह

यह घाटी हर साल जून से अक्टूबर तक फूलों की चादर से सजती है. अगर आप वीकेंड पर कहीं घूमने की सोच रहे हैं, तो यह घाटी आपके लिए आदर्श है, जो पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है.

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क्यों है टूरिस्टों के लिए फूलों की घाटी इतनी खास? (Photo-Getty) क्यों है टूरिस्टों के लिए फूलों की घाटी इतनी खास? (Photo-Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST

कल्पना करें एक ऐसी जगह, जहां रंग-बिरंगे फूलों का विशाल सागर लहराता हो, बर्फ से ढकी चोटियां हों और ठंडी, सुकून भरी हवा आपके मन को ताजगी देती हो. हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी की, जो प्रकृति का एक बेशकीमती तोहफा है. यह घाटी हर साल जून से अक्टूबर तक फूलों की चादर से सजती है.अगर आप वीकेंड पर कहीं घूमने की सोच रहे हैं, तो यह घाटी आपके लिए आदर्श है, जो पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है.

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क्यों है टूरिस्टों के लिए फूलों की घाटी इतनी खास?

फूलों की घाटी सिर्फ एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि प्रकृति का तोहफा है. यहां 500 से ज्यादा तरह के फूल खिलते हैं, जैसे नीला पोस्त, प्रिमुला और ऑर्किड. हर 15 दिन में फूलों के रंग बदलते हैं, जो इस जगह को और भी आर्कषित बनाते हैं. साथ ही, हिम तेंदुआ, काला भालू और रंग-बिरंगे हिमालयी पक्षी भी यहां की शान बढ़ाते हैं. यह 87.5 वर्ग किलोमीटर की घाटी नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है और ट्रैकिंग लवर्स के लिए भी खास है. 

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वीकेंड ट्रिप का प्लान

फूलों की घाटी तक पहुंचना बहुत आसान है. अगर आप दिल्ली से हैं, तो शुक्रवार रात बस या ट्रेन से ऋषिकेश पहुंचें. वहां से गोविंदघाट तक बस या टैक्सी 400-500 रुपये में ले सकते हैं. गोविंदघाट से घांघरिया तक 11 किलोमीटर का ट्रैक है, जिसे पैदल या खच्चर 300-500 रुपये से पूरा कर सकते हैं. घांघरिया से सिर्फ 3 किलोमीटर की चढ़ाई आपको फूलों की घाटी तक ले जाएगी. भारतीयों के लिए टिकट 150 रुपये और विदेशियों के लिए 600 रुपये है. रविवार को घाटी का आनंद लेकर आप उसी दिन वापस लौट सकते हैं.

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ठहरने और खाने की सुविधा

घांघरिया में सस्ते गेस्टहाउस और छोटे होटल हैं, जहां 300-400 रुपये में रात भर रुक सकते है. खाने के लिए ढाबों पर साधारण लेकिन स्वादिष्ट खाना मिलता है.

फूलों से भरी ये घाटी हर साल जून से अक्टूबर के अंत तक खुली रहती है और प्रकृति प्रेमियों के बीच लोकप्रिय गंतव्य मानी जाती है. पर्यटकों का कहना है कि यह जगह ऐसी है, जहां हर कदम पर प्रकृति का नया रूप देखने को मिलता है. उत्तराखंड पर्यटन बोर्ड का अनुमान है कि इस साल और ज्यादा लोग यहां आएंगे, जिससे स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा. फूलों की घाटी वीकेंड के लिए एकदम परफेक्ट है. यह न सिर्फ आपकी थकान दूर करेगी, बल्कि प्रकृति के करीब ले जाकर आपके मन को ताजगी देगी. तो इस वीकेंड, बैग पैक करें और निकल पड़ें फूलों की घाटी की सैर करने. प्रकृति का यह नजारा आपका दिल जीत लेगा.
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