छुट्टियों का मौसम चल रहा है, नैनीताल, मनाली और शिमला में लोगों की भीड़ लगी है, रास्ते जाम है, होटल में कमरे नहीं मिल रहे हैं. इस भीड़भाड़ से दूर अगर आप किसी शांत लोकेशन पर अपनी छुट्टी बिताना चाहते हैं और आपको लोकेशन समझ नहीं आ रहा है तो हम आपको बताते हैं देश के ऐसे ऑफबीट लोकेशन जहां आप सुकून के पल बिता सकते हैं.
रिवालसर
दिल्ली से 400 किलोमीटर दूर स्थिति रिवालसर खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है. साथ ही धार्मिक दृष्टि से भी इस जगह का काफी महत्व है, यह स्थान हिंदुओं, बौद्धों और सिखों के लिए आस्था का केंद्र है. यह कस्बा पहाड़ी क्षेत्र में बसा है, जहां घनी हरियाली और जंगल हैं, जो मनमोहक नज़ारे देते हैं. समुद्र से 1360 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, यह मंडी से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है और मंडी से करीब 25 किमी दूर है, दक्षिणी हिमालयी क्षेत्र में होने के कारण, रीवालसर में सर्दियां बहुत ठंडी हो सकती हैं, जबकि गर्मियां आमतौर पर सुहावनी रहती हैं.
रिवालसर जाने के लिए सबसे करीबी रेलवे स्टेशन कालका है, जहां से आप टैक्सी या बस लेकर वहां जा सकते हैं. देश के ज्यादातर शहरों से कालका के लिए ट्रेनें चलती हैं. कालका से रिवालसर की दूरी करीब 150 किलोमीटर है.
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कानाताल
देहरादून से करीब 74 किलोमीटर दूर टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित कानाताल कैंपिंग और ट्रैंकिग के लिए मशहूर है. शहर की भीड़भाड़ से दूर वीकेंड में यहां छुट्टी का मजा लिया जा सकता है. ये मसूरी से कुछ मिनटों की दूरी पर है, लेकिन भीड़ से दूर सुकून का एहसास दिलाता ये कस्बा बेहतरीन टूरिस्ट लोकेशन है.
अगर आप हवाई जहाज से कानाताल जाना चाहते हैं, तो देहरादून का जॉली ग्रांट सबसे करीबी एयरपोर्ट है. यहां से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर कानताल मौजूद है. एयरपोर्ट से आप टैक्सी ले सकते हैं. वहीं अगर आप ट्रेन से जाना चाहते हैं. तो नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून और ऋषिकेश का है. जहां से आप किराए पर टैक्सी लेकर कानाताल जा सकते हैं.
गुशैनी
यह जगह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है. समुद्र स्तर से 4500 फीट की ऊंचाई पर स्थित ये इलाका हिमालयन नेश्नल पार्क के काफी पास है. गुशैनी में आप ट्रेकिंग का मजा ले सकते हैं. उंची चोटियों के बीच बसा ये छोटा सा गांव टूरिस्टों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां के झील और झरने इस जगह की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं.
दिल्ली- एनसीआर और चंडीगढ़ जैसे शहरों से यहां सड़क मार्ग से जाया जा सकता है. यहां रुकने के लिए कई होम स्टे भी है.
लंढौर- मसूरी से सिर्फ 7 किलोमीटर दूर स्थित लंढौर भले ही छोटा सा टूरिस्ट डेस्टिनेशन हैं, लेकिन यहां की वादियां आपको अलग तरह का एहसास कराती हैं.अगर आप किसी ऑफबीट लोकेशन की तलाश में हैं, तो गर्मी के इस मौसम में आपके लिए ये परफेक्ट जगह होगी. ब्रिटिशों की बसाई ये जगह कई मायनों में खास है. यहां का केलॉग मेमोरियल चर्च 1903 में बनाया गया था, गोथिक शैली में बना ये चर्च सैलानियों की पसंदीदा जगह है.
दिल्ली से करीब 300 किलोमीटर दूर लंढौर जाने के लिए अगर सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो प्राइवेट टैक्सी या कैब ले सकते हैं. वहीं अगर आप ट्रेन से जाना चाहते हैं तो नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून का है जहां से लंढौर की दूरी करीब 33 किलोमीटर है.
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