अरुणाचल प्रदेश इन दिनों सुर्खियों में है. वजह हैं पेमा वांगजोम थोंगडोक, जिन्हें उनके जन्मस्थान अरुणाचल होने के चलते शंघाई एयरपोर्ट पर कथित हैरेसमेंट झेलनी पड़ी. विवाद बढ़ने पर चीन ने आरोप नकारते हुए प्रदेश पर अपना दावा दोहराया, जबकि भारत ने इसे अपना अविभाज्य हिस्सा बताया. अरुणाचल प्रदेश को भारत का 'क्राउन ज्वेल' या 'हिडन जेम' कहा जाता है. यह देश का ऐसा ‘रत्न’ है, जो बेमिसाल प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर से चमकता है, जहां का हर पर्यटन स्थल चीन के दावों को सीधे खारिज करता है.
अरुणाचल की खूबसूरती है बेमिसाल
बादलों से घिरी पहाड़ियां, घने जंगल, बलखाती नदियां, झर-झर गिरते झरने, ठंडी हवाएं अरुणाचल प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता को जीवंत और बेमिसाल बनाते हैं. यहां की हर एक घाटी, हर एक मोड़ शुद्ध, शांत और मनमोहक है. अगर आप दिल्ली के हैं और अरुणाचल प्रदेश जाते हैं, तो आप खुद को वहां काफी फ्रेश महसूस करेंगे, क्योंकि शुद्ध हवा आपके शरीर में नई ऊर्जा को भर देगी.
अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल
अरुणाचल प्रदेश में कई टूरिस्ट स्पॉट हैं. अगर तसल्ली से घूमेंगे तो अरुणाचल टूर के लिए एक महीना भी कम पड़ जाएगा. यहां तवांग मोनेस्ट्री, सेला पास, गोरीचेन शिखर, बुमला पास, जीरो वैली, नामदफा नेशनल पार्क, बोमडिला, दिरांग, रोइंग, मेचुका और नूरानांग फॉल्स जैसे फेमस टूरिस्ट स्पॉट हैं. ये स्थल न केवल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, बल्कि राज्य की भारतीय पहचान को मजबूत करते हैं.
अगर तवांग मोनेस्ट्री की बात करें तो यह भारत का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है. यह समुद्र तल से लगभग 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. टूरिज्म के लिहाज अरुणाचल के मुकुट का रत्न कहे जाने वाले तवांग में भारतीय बौद्ध संस्कृति जीवंत मिसाल मिलती है. सुरम्य वादियों के बीच स्थित तवांग, बौद्ध धर्म की गहरी आस्थाओं का एक जीवंत केंद्र है. यहां स्थित नूरनांग झरना सैलानियों का मन मोह लेता है.
वहीं, बर्फ से ढका हुआ सेला दर्रा न केवल तवांग को देश के अन्य भागों से जोड़ता है, बल्कि इस सम्पूर्ण क्षेत्र की सांस्कृतिक धड़कन है. गोरीचेन शिखर, जिसे तवांग में स्थानीय लोग सा-ंगा फु कहते हैं, अरुणाचल का सबसे ऊंचा बिंदु है. सेला पास और बुमला पास के इलाके में हाईकिंग और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया जा सकता है. इन इलाकों में मौजूद भारतीय सेना की चौकियां यहां चीन के दावों को चुनौती देती हैं.
मेचुका और दिरांग जैसे इलाके में भारतीय संस्कृति की उम्दा छाप देखने को मिलती है. समतेन योंगचा गोम्पा मेचुका के प्रमुख आकर्षणों में से एक है. इस ऐतिहासिक मठ को लगभग 400 साल पुराना बताया जाता है. यहां आपको अद्भुत विहंगम दृश्यों की झलक देखने के लिए मिलेगी. दूर तक फैले सुरम्य पर्वतों और उस शांत, स्वच्छ बस्ती का दृश्य यहां से मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है. अगर आपने भारत में ‘उगते हुए सूर्य की धरती’ को नहीं देखा हो तो एक बार जरूर अरुणाचल की सैर करके आइए.
अजय भारतीय