साइबर ठगी का नया मामला दिल्ली-NCR के शहर नोएडा से सामने आया है. साइबर ठगों ने बड़ी ही चालाकी से विक्टिम को पाइप लाइन गैस सर्विस प्रोवाइडर इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) बनकर कॉल किया और 29 लाख रुपये ठग लिए. विक्टिम रिटायर्ड कर्नल हैं और उन्होंने साइबर क्राइम ब्रांच सेक्टर-36 में कंप्लेंट दर्ज कराई है.
शिकायत के मुताबिक, साइबर ठगी 7 नवम्बर 2025 की रात 9 बजे से 10:15 बजे के बीच हुई. उनके बैंक अकाउंट से चोरी छिपे 29 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए गए. ध्यान देने वाली बात यह है कि इन ट्रांजैक्शन के बारे में उनको पता नहीं चला है.
खुद को बताया IGL कर्मचारी
विक्टिम ने बताया कि 7 नवंबर की दोपहर को उनके पास एक शख्स का कॉल आया. उसने खुद को IGL का कर्मचारी बताया. इसके बाद विक्टिम को उसने APK File डाउनलोड करा दी.
इसके बाद तीन दिन के अंदर ही उनके बैंक खाते, क्रेडिट कार्ड आदि से 29 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए गए. फिर 10 नवंबर की शाम को उनके पास मैसेज आए तब उन्हें इस अनऑथराइज्ड ट्रांजैक्शन के बारे में पता चला.
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तुरंत दर्ज कराई कंप्लेंट
विक्टिम ने तुरंत बैंक से संपर्क किया. इसके बाद साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में जाकर कंप्लेंट दर्ज करवाई. पुलिस ने कॉल डिटेल, APK फाइल और बैंक ट्रांज़ैक्शन की टेक्निकल जांच कर रही है.
APK को इंस्टॉल कराया
साइबर ठग APK फाइल को इंस्टॉल करके आपके मोबाइल से सेंसटिव डिटेल्स और OTP आदि को एक्सेस कर लेते हैं. यहां तक कि वे आपके स्मार्टफोन को भी हैक कर सकते हैं और चोरी छिपे रुपये ट्रांसपर कर सकते हैं.
साइबर ठगी से बचाव के लिए जरूरी है कि अनजान नंबर से शेयर किए गए लिंक पर क्लिक ना करें. ना ही अनजान सोर्स से ऐप को इंस्टॉल करें.
साइबर ठगी स्मार्टफोन में खतरनाक या मैलवेयर वाले ऐप्स को इंस्टॉल करके बैंक अकाउंट में सेंधमारी कर सकते हैं. हैकर्स आपके फोन को रिमोट एक्सेस पर भी ले सकते हैं.
भूपेन्द्र चौधरी