नए पोप का चुनाव हो गया है और उन्होंने अपनी पहली ऑफिशियल स्पीच कार्डिनल्स कॉलेज में दी. इस भाषण के दौरान पोप लियो XIV ने अपने दार्शनिक नजरिए को सामने रखा. इस दौरान AI चर्चा का विषय रहा है.
दरअसल, Pope Leo XIV के नाम के सिलेक्शन के पीछे AI की अहम भूमिका रही है. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि उनकी सोच को आकार देने और उनके नाम के चयन में AI की बड़ी भूमिका रही है. वहीं, दूसरी तरफ पोप ने अपने भाषण में यह भी माना कि AI मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती भी है.
Pope Leo XIV का असली नाम रॉबर्ट फ्रांसिस प्रेवोस्ट, जो अमेरिकी शहर शिकागो के निवासी हैं. उन्होंने अपने भाषण में एक पुराने पोप लियो XIII को याद किया. उन्होंने बताया कि पुराने पोप लियो XIII ने पहली औद्योगिक क्रांति की चुनौतियों का सामना किया था.
आज के समय की बदलती परिस्थितियां
नए पोप ने कहा है कि उनका मिशन आज के समय की बदलती परिस्थितियों का सामना करना है, जिसमें AI की वजह से समाज में काफी उथल-पुथल देखने को मिल रही है.
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क्यों पॉप लियो XIV नाम का चुनाव किया
नए पोप ने कहा कि मैंने लियो XIV का नाम इसलिए चुना है क्योंकि पोप लियो XIII ने अपने एतिहासिक एनसाइक्लिकल (बिशप को भेजे जाने वाला लेटर) Rerum Novarum (जिम्मेदारी) में पहली औद्योगिक क्रांति के समय में सामाजिक सवालों को बड़े स्तर पर उठाया था.
इस साल भी जारी हो चुका है AI को लेकर लेटर
आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि इस साल की शुरुआत में वेटिकन ने सत्य, नैतिकता और गलत सूचना के प्रसार पर AI के इफेक्ट्स को बताते हुए एक डॉक्यूमेंट जारी किया था. यहां AI के द्वारा जनरेट होने वाली गलत कहानियों के खतरों के बारे में बताया गया था.
AI के खतरे का सामना कर चुके नए पॉप
बताते चलें कि नए पोप फ्रांसिस खुद AI के खतरे का सामना कर चुके हैं. दरअसल, यह बात साल 2023 की है, जब उनकी एक AI Generated इमेज सामने आई थी, जिसमें वह सफेद जैकेट पहने हुए दिखाई दिए थे. यह AI इमेज इंटरनेट पर वायरल भी हुई थी.
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