उत्तराखंड में खुले चारधाम यात्रा के द्वार, खुद करना होगा रुकने का इंतजाम

फिलहाल 30 जून तक स्थानीय लोग ही चारधाम यात्रा में दर्शन कर पाएंगे. यात्रियों को अपने ठहरने का इंतजाम खुद करना होगा. दर्शन में लोगों की भीड़ न लगे, इसके लिए टोकन सिस्टम शुरू किया जाएगा. लोगों को टोकन फ्री दिए जाएंगे.

Advertisement
चारधाम यात्रा में सीमित संख्या में जा सकेंगे श्रद्धालु (फाइल फोटो) चारधाम यात्रा में सीमित संख्या में जा सकेंगे श्रद्धालु (फाइल फोटो)

दिलीप सिंह राठौड़

  • देहरादून,
  • 10 जून 2020,
  • अपडेटेड 12:27 AM IST

  • बद्रीनाथ में 1200, केदारनाथ में 800 श्रद्धालु करेंगे दर्शन
  • गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 लोग कर पाएंगे दर्शन

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के द्वार खोल दिए गए हैं. इसका फैसला उत्तराखंड सरकार और देवस्थानम बोर्ड ने लिया. हालांकि अभी यात्रा में भीड़ नहीं जुटेगी क्योंकि फिलहाल सीमित संख्या में ही यात्री जा सकेंगे. नए नियम के मुताबिक, बद्रीनाथ में 1200, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 लोग ही एक दिन में दर्शन कर सकेंगे.

Advertisement

दर्शन के समय के बारे में बताया गया है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु सुबह सात से शाम के सात तक दर्शन कर पाएंगे. इसके साथ ही नए नियम के मुताबिक, फिलहाल 30 जून तक स्थानीय लोग ही चारधाम यात्रा में दर्शन कर पाएंगे. यात्रियों को अपने ठहरने का इंतजाम खुद करना होगा. दर्शन में लोगों की भीड़ न लगे, इसके लिए टोकन सिस्टम शुरू किया जाएगा. लोगों को टोकन फ्री दिए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: जम्मू: अमरनाथ यात्रा से पहले प्रथम पूजा संपन्न, सोशल डिस्टेसिंग का रखा ख्याल

हालांकि देवस्थानम बोर्ड और सरकार के इस फैसले का स्थानीय मंदिर समिति के लोगों ने विरोध किया है. मंदिर समिति का कहना है कि बोर्ड के फैसले को मानने के लिए मंदिर प्रशासन बाध्य नहीं है. उनका कहना है कि चारधाम यात्रा में पूर्व की भांति ही पूजा-पाठ होगा. समिति ने यह भी कहा है कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को पूजा कराने की बाध्यता नहीं है.

Advertisement

ये भी पढ़ें:भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले, कोरोना संकट के चलते नहीं पहुंच रहे श्रद्धालु

दूसरी ओर धार्मिक संगठन के लोग भी यात्रा शुरू करने के विरोध में हैं. उनका कहना है कि अगर चारधाम यात्रा शुरू हुई तो संक्रमण फैल सकता है. कोरोना से अभी बचने की जरूरत है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि कोरोना संक्रमण कम हो तो ऐसी यात्राओं की शुरुआत की जाए. शुरुआती नियम के मुताबिक धार्मिक यात्रा में बेहद कम लोग मौजूद रहेंगे. बाद में यात्रियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement