मुहर्रम पर शियाओं के जुलूस को लेकर योगी सरकार की पहल सफल रही है. जिस जुलूस की वजह से अमूमन मुहर्रम के दिन लखनऊ शहर में शिया और सुन्नियों का टकराव होता था, इस बार योगी सरकार ने उसे सुलझा दिया है. इस बार मोहर्रम जुलूस नए रास्ते से गुजरेगा.
मोहर्रम जुलूस का रास्ता बदलने की कोर्ट की एडवाइजरी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका समाधान निकालने की जिम्मेदारी एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार को सौंपी थी और कई दिनों तक शिया व सुन्नी मौलवियों से बातचीत के बाद नए रास्ते से मोहर्रम जुलूस निकालने पर सहमति बन गई.
लखनऊ में योगी सरकार में पहली बार मोहर्रम का जुलूस का रास्ता बदला गया है. प्रशासन और मुस्लिम मौलाना के आपसी सहमति से हर वर्ष मोहर्रम के जुलूस को जिस रास्ते से ले जाया जाता था, उसको बदल दिया गया है. हालांकि इसकी वजह कोर्ट की एक एडवाजरी मानी जा रही है, जिसमे स्वेच्छा से रास्ते को बदलने के लिए कहा था, क्योंकि जिस रास्ते पर यह जुलूस निकलता था, उस रास्ते मे तीन हॉस्पिटल पड़ते थे. लिहाजा जुलूस की वजह से हॉस्पिटल में आने वाले मरीजो को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.
योगी सरकार के अधिकारियों और प्रशासन ने मुस्लिम मौलाना से मिलकर रास्ते को बदल दिया है. आजतक से बातचीत में शिया मौलाना ने नए रास्ते को लेकर अपनी खुशी जाहिर की है. उनका कहना है कि उन्हें जो नया रास्ता मिला है, उस पर वो बिना किसी परेशानी के अपने मातम का जुलूस ले जा सकते हैं. लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि यह ऐतिहासिक बदलाव है. इससे पहले कभी भी यह रूट नहीं बदल गया और आज आपसी सहमति से यह रूट बदल गया है, जिसको सभी मौलाना मान गए.
मामले में शिया मौलाना ने कहा कि यह सरकार की अच्छी शुरुआत है, जो उसने हमारे बारे में सोचा और हमें नया रास्ता उपलब्ध कराया. लखनऊ जुलूस कार्य समिति के अब्बास ने कहा कि यह जुलूस हमेशा से एक ही रस्ते से निकलता था और आज भी निकलता, लेकिन हम लोगों ने सरकार के प्रयास और हॉस्पिटल की वजह से रास्ता बदल दिया. अब दूसरे रास्ते से मोहर्रम निकाला जाएगा, जिसको सरकार ने दुरुस्त भी कर दिया है.
कुमार अभिषेक