बीजेपी के सूत्रों ने संकेत दिया है कि अगर बीजेपी उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा सामने लाती है तो सीएम पद का उम्मीदवार कोई सांसद ही होगा. पार्टी अभी किसी के नाम का ऐलान करने के मूड में नहीं है. खबर है कि अक्टूबर-नवंबर तक सीएम का चेहरा प्रोजेक्ट किया जा सकता है.
फिलहाल पार्टी के भीतर ये राय बन चुकी है कि अगर सीएम का चेहरा प्रोजेक्ट किया गया तो वो ब्राह्मण, राजपूत या पिछड़ी जाति में से ही होगा. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह इलाहाबाद में कार्यकारिणी बैठक के बाद यूपी के सांसदों के साथ अलग से बैठक करेंगे. इस बैठक की वजह है यूपी विधानसभा चुनाव. अमित शाह संगठन को मजबूत करने और अखिलेश सरकार के खिलाफ जमीन पर लड़ने का संदेश देंगे.
CM उम्मीदवार के लिए इंटरनल सर्वे कराएगी बीजेपी
कार्यकारिणी बैठक के बाद बीजेपी उत्तर प्रदेश में इंटरनल सर्वे कराएगी. जिसमें मुख्यमंत्री के दावेदार के नामों को भी शामिल किया जाएगा. इस सर्वे में पार्टी पूछेगी कि किसके समर्थन में जनता ज़्यादा है. मुद्दों और सीटों पर भी सवाल पूछे जाएंगे. 6 नामों को सर्वे में शामिल किया जा सकता है. सर्वे रिपोर्ट आने के बाद पार्टी राज्य की रणनीति तय करेगी.
बीजेपी का फॉर्मूला नंबर-2
अगर सीएम के चेहरा पेश नहीं करने का फैसला हुआ तो बीजेपी को 6 इलाकों में बांटकर हर क्षेत्र को एक नेता के हवाले किया जाएगा. ये नेता भी सांसद ही होंगे. चुनाव
के बाद अगर बीजेपी सरकार बनाती है तो इन्हीं 6 क्षेत्र प्रभारियों में से जो सबसे अच्छा प्रदर्शन करेगा, उसको बीजेपी मुख्यमंत्री बनाएगी.
राजनाथ नहीं होंगे सीएम पद के उम्मीदवार!
बीजेपी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह यूपी में सीएम का चेहरा नहीं होंगे. बीजेपी नेताओं ने कहा कि वो हमारे बड़े नेता है, हम उनका मार्गदर्शन लेंगे. उनकी
रणनीति पर चलेंगे. लेकिन वो अब राष्ट्रीय स्तर पर देश के गृहमंत्री है उत्तर प्रदेश उनके लिए छोटा है वो बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, अगर राजनाथ सिंह खुद कहें कि
वो यूपी में पार्टी का नेतृत्व करेंगे तो पार्टी उनको सिर आंखों पर बैठाने को तैयार है.
कार्यकारिणी में यूपी के CM उम्मीदवार पर चर्चा नहीं होगी
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यूपी के सीएम के चेहरे पर कोई चर्चा नहीं होनी है और न ही यूपी पर कोई प्रस्ताव ही आना है. कार्यकारिणी सिर्फ
राष्ट्रीय मसलों पर है. इसमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष को दोबारा अध्यक्ष बनाने और मोदी सरकार के दो साल के कामकाज पर चर्चा होनी है. इस सिलसिले में एक
प्रस्ताव भी लाया जाएगा.
कार्यकारिणी में तीन प्रस्ताव आएंगे
इस तरह से कार्यकारिणी में तीन प्रस्ताव आएंगे- आर्थिक, राजनीतिक और सरकार के दो साल काम बेमिसाल. असम के हाल में मुख्यमंऋी बने सर्बानंद सोनोवाल का
सम्मान होगा. झारखंड में राज्यसभा चुनाव जिताने पर मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी सम्मानित किया जाएगा.
रीमा पाराशर / रोहित गुप्ता