इलाहाबाद में BJP राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू, यूपी के लिए नहीं होगा अलग सत्र!

प्रधानमंत्री मोदी दोपहर तीन बजे पदाधिकारियों की बैठक में पहुंचेंगे. सूत्रों ने बताया कि अमित शाह सोमवार शाम को उत्तर प्रदेश के पार्टी सभी सांसदों से चुनावी रणनीति पर बैठक करेंगे.

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रीमा पाराशर / रोहित गुप्ता

  • इलाहाबाद ,
  • 12 जून 2016,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में रविवार को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू हो गई. दो दिन तक संगम किनारे मिशन यूपी पर होने वाले महामंथन में प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत बीजेपी के तमाम दिग्गज मौजूद रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक रविवार को बैठक में कोई प्रस्ताव पास नहीं होगा. सभी प्रस्ताव सोमवार को पेश किए जाएंगे.

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यूपी के लिए अलग से नहीं होगा कोई सत्र
प्रधानमंत्री मोदी दोपहर तीन बजे पदाधिकारियों की बैठक में पहुंचेंगे. सूत्रों ने बताया कि अमित शाह सोमवार शाम को उत्तर प्रदेश के पार्टी सभी सांसदों से चुनावी रणनीति पर बैठक करेंगे. कार्यकारिणी में अलग से यूपी पर कोई सत्र नहीं होगा. अमित शाह और मोदी के भाषण में यूपी पर फोकस होगा. रविवार को अध्यक्षीय भाषण के बाद राज्यों की रिपोर्ट के दौरान चर्चा होगी.

इलाहाबाद से चलेगा पीएमओ
संगम नगरी में सभा की सारी तैयारी हो चुकी है. तमाम मुद्दों समेत इसमें आने वाले विधानसभा चुनावों पर चर्चा होगी. बीजेपी पंजाब, गोवा और उत्तराखंड चुनावों पर भी माथापच्ची करेगी, लेकिन सूत्र बताते हैं कि एजेंडे में टॉप पर यूपी चुनावों के लिए रणनीति तैयार करना है. प्रधानमंत्री दो दिनों तक दिल्ली छ़ोड़कर इलाहाबाद में रहेंगे, लिहाजा उनका दफ्तर यानी पीएमओ भी वहीं से चलेगा.

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पीएम के लिए बना खास कार्यालय
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री के साथ ही पीएमओ के तमाम अधि‍कारी भी इलाहाबाद पहुंच रहे हैं. उनके लिए खास कार्यालय बनाया गया है, जहां बकायदा कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा है. अधिकारी अगले दो दिनों तक कार्यालय संबंधी सभी काम यहीं से निपटाएंगे. इस 'पीएमओ' को योग दिवस के लिए बने खास बैकड्रॉप से सजाया गया है. पोस्टर में सूर्य नमस्कार की मुद्राएं दर्शाई गई हैं. इसके निकट ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का दफ्तर भी बनाया गया है.

14 साल के वनवास को दूर करने का मौका
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री की मौजूदगी इस बात का सबूत है कि पार्टी के लिए यूपी चुनाव काफी अहम है. लोकसभा चुनाव में पार्टी को यूपी की 80 सीटों में से 73 पर जीत मिली थी. लिहाजा, विधानसभा चुनाव को लेकर भी हौंसले बुलंद हैं और पार्टी को लग रहा है कि 14 साल के वनवास को दूर करने का यह सही मौका है.

इनमें से कोई होगा सीएम पद का उम्मीदवार
यूपी में बीजेपी को सबसे अधि‍क माथापच्ची मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर करनी पड़ेगी. यही पार्टी की सबसे बड़ी चुनौती है. हालांकि, राज्य में ढेरों स्वयंभू उम्मीदवार सामने आ गए हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जिन नामों पर विचार होगा उनमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी, केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य प्रमुख हैं.

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यूपी का चुनावी गणि‍त
राजनाथ सिंह यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. ऐसे में पार्टी उन्हें सीएम पद का उम्मीदवार बनाकर अगड़ी जाति के वोटबैंक में सेंध लगने की कोशिश को नाकाम कर सकती है. स्मृति इरानी अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़कर खुद को सूबे की सियासत का एक जाना-पहचाना चेहरा बना चुकी हैं. महेश शर्मा ब्राह्मण चेहरा हैं और उन्हें संघ का समर्थन हासिल है. जबकि केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश में पार्टी के अध्यक्ष हैं और गैर यादव दलित वोटरों को रिझाने के पार्टी इनके नाम पर दांव खेल सकती है.

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