सेना पर बयान से भड़के शख्स ने कन्हैया से JNU कैंपस में की हाथापाई, अनशन पर बैठा

विकास चौधरी और नंद कुमार को कैंपस से बाहर निकाल दिया गया है. विजय गाजियाबाद के रहने वाले हैं. वह अब जेएनयू गेट पर अनशन पर बैठ गए हैं. उनका कहना है कि जब तक कन्हैया सेना को दिए अपने बयान पर माफी नहीं मांगता उनका अनशन जारी रहेगा.

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कन्हैया कुमार कन्हैया कुमार

स्‍वपनल सोनल

  • नई दिल्ली,
  • 10 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 5:42 AM IST

देशद्रोह मामले में आरोपी जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया के साथ गुरुवार को यून‍िवर्सिटी कैंपस में दो लोगों ने हाथापाई की. बताया जाता है कि विकास चौधरी और नंद कुमार नाम ने कन्हैया पर हमले की कोशि‍श की, लेकिन वहां मौजूद कैंपस के सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते दोनों को पकड़ लिया.

जानकारी के मुताबिक, शाम करीब 6:20 बजे विजय चौधरी और नंद कुमार को कैंपस से बाहर निकाल दिया गया है. विकास गाजियाबाद के रहने वाले हैं. वह अब जेएनयू गेट पर अनशन पर बैठ गए हैं. उनका कहना है कि जब तक कन्हैया सेना को दिए अपने बयान पर माफी नहीं मांगता उनका अनशन जारी रहेगा. विकास ने कहा, 'कन्हैया ने देश को गाली दी है. मैं चाहता हूं कि वह माफी मांगे.' हाथापाई के मामले में अभी तक पुलिस में कोई शि‍कायत नहीं की गई है और समझा जा रह है कि छात्रसंघ इस ओर पुलिस में शि‍कायत करने वाला नहीं है.

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मैं सेना का सम्मान करता हूं: कन्हैया
दूसरी आरे, हाथापाई की घटना के बाद कन्हैया ने कैंपस में छात्रों को संबोध‍ित किया. उन्होंने कहा, 'आप कुछ भी कर लीजिए मुझे डरा नहीं सकते. आप मुझे मारोगे तो और रोहित खड़े हो जाएंगे. पहले मुझे बोलने को उकसाया... पहले जीभ की कीमत लगाई गई, फिर 11 लाख में गर्दन की कीमत लगाई.'

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जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष ने आगे कहा, 'हम लेफ्ट हैं, लेकिन लेफ्ट का दायरा बहुत बड़ा है. आपने जेएनयू पर, हमारे घर पर हमला किया. आज से लेफ्ट-राइट नहीं, जो लोकतंत्र के पक्ष में खड़ा है, सब लेफ्ट हैं. मैं उसी बयान में कह रहा हूं कि मैं सेना का सम्मान करता हूं. इतना कॉमन सेंस नहीं है.'

क्या कहा था कन्हैया ने सेना के लिए
गौरतलब है कि कन्हैया ने महिला दिवस के मौके पर मंगलवार रात छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था, ‘चाहे आप मुझे रोकने की कितनी भी कोशिश क्यों न कर लें, हम मानवाधिकार हनन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेंगे. हम अफ्सपा के खिलाफ आवाज उठाएंगे. हमारे सैनिकों के लिए हमारे मन में काफी सम्मान है, लेकिन फिर भी हम इस पर बात करेंगे कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की ओर से महिलाओं का बलात्कार किया जाता है.'

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कन्हैया ने अपने संबोधन में कश्मीर में सेना को लेकर कहा, 'हम सुरक्षाबलों का सम्मान करते हुए भी बोलेंगे कि कश्मीर में सेना द्वारा बलात्कार किया जाता है. हमारे आपस में मतभेद हैं. लेकिन इस देश को बचाने और इस देश के संविधान को बचाने में हमारे कोई मतभेद नहीं है. हम आजाद हिन्दुस्तान में समस्याओं से आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

सेना के खिलाफ बयानबाजी पर पुलिस में शिकायत
मामले में बीजेपी की युवा इकाई (बीजेवायएम) ने पुलिस में शिकायत दाखिल कर आरोप लगाया है कि कन्हैया ने फिर देश विरोधी बयानबाजी कर अपनी जमानत की शर्तों की अनदेखी की है. जबकि एक बीजेपी कार्यकर्ता शि‍वम छिब्बर ने कन्हैया और जेएनयू की प्रोफेसर निवेदिता मेनन द्वारा सेना और जम्मू कश्मीर पर दिए बयान के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है.

देश विरोधी नारेबाजी मामले में है आरोपी
बता दें कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी का विरोध करने के लिए जेएनयू में नौ फरवरी को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए, जिसके बाद जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 12 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया. दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें छह महीने की अंतरिम जमानत पर रिहा किया है. जबकि पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान कथित रूप से उनपर वकीलों द्वारा हमला किया गया था.

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