वर्तमान जरूरतों को पूरी करने वाली हो शिक्षा व्यवस्था: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

देश की शिक्षा व्यवस्था के बारे में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि इसे वर्तमान जरूरतों को पूरा करने वाला होना चाहिए. उनका कहना है कि देश में तेज दिमाग वाले लोग, विश्वस्तरीय संस्थान है इन्हें बस आज के दौर की जरूरतों के मुताबिक ढालने की आवश्यकता है.

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Pranab Mukherjee Pranab Mukherjee

स्नेहा

  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन शिक्षा व्यवस्था का वर्तमान जरूरतों के अनुरूप होना आवश्यक है.

प्रौद्योगिकी, नवाचार और शिक्षा पर हो रही गोलमेज चर्चा के दौरान मुखर्जी ने कहा कि देश में तेज दिमाग वाले लोग, विश्वस्तरीय संस्थान है इन्हें बस आज के दौर की जरूरतों के मुताबिक ढालने की आवश्यकता है.

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भारत की शिक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए मुखर्जी ने कहा, 'अगर मैं 80 साल की उम्र में अपने नाती पोतों से कुछ सीखने का प्रयास करता हूं तो आपको भी आज की आवश्यकताओं का अनुपालन करने के लिए एक छोटी पहल करनी चाहिए.' इस गोलमेज चर्चा में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, स्नैपडील के सह-संस्थापक कुणाल बहल, हीरो मोटोकॉर्प के संयुक्त प्रबंध निदेशक सुनील कांत मुंजाल, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा, डीआईपीपी सचिव अमिताभ कांत समेत उद्योग घरानों की कई शख्सियतें मौजूद थी.

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के पास शिक्षा के कई बड़े बुनियादी ढ़ांचे मौजूद होने के बावजूद भी हाल ही में जारी की गई शीर्ष 200 संस्थानों की सूची में एक भी भारतीय संस्थान नहीं है. इसका समाधान निकाले जाने की आवश्यकता है.

इनपुट: भाषा

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