उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. चुनाव आयोग की तरफ से 4 जनवरी से आदर्श आचार संहिता लागू की जा चुकी है. चुनाव आयोग ने निष्पक्ष चुनाव की खातिर तमाम नई कोशिशें की हैं. इस बार अन्य समाचार माध्यमों के साथ-साथ चुनाव आयोग टीवी चैनलों पर भी नजर रखेगा ताकि पेड न्यूज पर रोक लग सके. यूपी में उम्मीदवारों को खर्च के लिए अधिकतम राशि 28 लाख रुपए है. लेकिन, चुनाव आयोग को धत्ता बताने के लिए यूपी के नेताओं ने दूसरे तरीके भी ढूंढ़ निकाले हैं.
आयोग ने इस बार किए खास इंतजाम
चुनाव आयोग ने वोटों की खातिर छिड़ने वाले पैसे की जंग को कम करने के लिए इस बार कुछ खास इंतजाम किए हैं.
- नोट से वोट न खरीदा जा सके इसलिए पहले तो चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा 28 लाख की है.
- चुनाव आयोग ने कहा है कि प्रत्याशियों को चुनाव के लिए एक बैंक खाता खुलवाकर सारा खर्च दिखाना होगा. यानि चुनाव खर्च का सारा भुगतान उसी खाते से होगा.
- प्रत्याशियों को 20 हजार से अधिक के खर्च का भुगतान चेक के माध्यम करना होगा.
- प्रत्याशियों को 20 हजार से ऊपर का चुनावी चंदा भी चेक से लेना होगा.
- प्रत्याशियों को इस बार नो डिमांड सर्टिफिकेट फॉर्म देना होगा जिसमें बताया गया होगा कि पिछले 10 सालों में उसका कोई बिल (बिजली, पानी, टेलीफोन और कोई सरकारी बकाया) बकाया नहीं है.
- प्रत्याशियों को अपने शपथ पत्र में इस बात का भी जिक्र करना होगा कि वह किसी भी रूप में जाति, धर्म या लुभाने की कोशिश नहीं करेगा.
प्रत्याशियों ने निकाला तोड़
चुनाव आयोग की तमाम बंदिशों के बाद भी नेताओं के हौंसले पस्त नहीं हैं. नेताओं ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए तमाम इंतजाम पहले ही कर रखे हैं.
- नोटबंदी के इस दौर में तमाम जनधन खातों में लाखों रुपए जमा हैं.
- आदर्श आचार संहिता के घोषित होने के बाद लगातार गाड़ियों से नगद रुपयों की बरामदगी हो रही है.
- छोटे आयोजनों (मेला, सम्मेलन, टूर्नामेंट) के जरिए नेता इलाकों में अपनी बड़ी छाप छोड़ने की फिराक में हैं.
- गिफ्ट, साड़ी, मिठाई, नगद व्यवहार का चलन भी तेज है.
- पार्टी और दावतें भी जमकर हो रही हैं.
पकड़ी गई है गायत्री की साड़ी
फतेहपुर पुलिस ने हुसैनगंज इलाके में बुधवार दोपहर एक लोडर से 4452 साड़ियां बरामद की थीं. ये साड़ियां कानपुर से खरीदी गई थीं और अमेठी जा रही थीं. ड्राइवर के पास बरामद बिल्टी में गायत्री प्रजापति का नाम है.
गायत्री प्रजापति, उनके ड्राइवर और हेल्पर के खिलाफ इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है. एफआईआर के मुताबिक साड़ियां चुनाव में वोटर्स को प्रभावित करने के लिए ले जाई जा रही थीं.
संदीप कुमार सिंह