पूर्वी गारो हिल्स में पकड़ा गया आईईडी भंडार, भागने में कामयाब रहा जीएनएलए का वॉन्टिड

मेघालय पुलिस ने गुरुवार को पूर्वी गारो हिल्स में छिपे गारो नेशनल लिबरेशन आर्मी(जीएनएलए) के 30 आईईडी जब्त किए. पुलिस के साथ गोलीबारी के बीच जीएनएलए का डिप्टी कमांडर इन चीफ रुपांतो मारक भागने में कामयाब हो गया.

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आईईडी का भंडार बरामद आईईडी का भंडार बरामद

मोनिका शर्मा / मनोज्ञा लोइवाल

  • शिलॉन्ग,
  • 25 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:25 AM IST

मेघालय पुलिस ने गुरुवार को पूर्वी गारो हिल्स में छिपे गारो नेशनल लिबरेशन आर्मी(जीएनएलए) के 30 आईईडी जब्त किए. पुलिस के साथ गोलीबारी के बीच जीएनएलए का डिप्टी कमांडर इन चीफ रुपांतो मारक भागने में कामयाब हो गया.

जीएनएलए के गढ़ माने जाने वाले दुरामा रेंज में दोपहर को आईईडी बरामद किए गए.

पुलिस को सूचना मिली थी कि गांव की तरफ जाने वाले रास्तों पर आईईडी लगाए गए हैं और यहां के इलाके में जीएनएलए के सदस्य छुपे हुए हैं. इसके बाद पुलिस ने ऑपरेशन शुरू किया. गांववालों ने पुलिस को संदिग्ध चीजों के देखे जाने की सूचना दी थी.

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आईजीपी (ऑपरेशन्स) जी.एच.पी. राजू ने कहा, 'गारो हिल्स में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आईईडी बरामद किए हैं.' राजू ने बताया कि पुलिस को विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है यूएलएफए(आई) का दृष्टि राजखोवा, जीएनएलए को हाथों से बनाए गए आईईडी को इकट्ठा करने में मदद कर रहा था.

पुलिस ने दावा किया है कि जीएनएलए का वॉन्टिड कमांडर रुपांतो मारक और उसके साथी यहां छुपे हुए थे. राजू ने बताया, 'रुपांतो की पार्टी के साथ मुठभेड़ के बाद बरामद किए गए आईईडी से जीएनएलए और यूएलएफए(आई) के बीच संबंध साफ पता चलते हैं.'

राजू ने बताया कि विलियमनगर पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले दुरामा रेंग के आसपास के गांव में कुछ आईईडी मिलने की सूचना प्राप्त हुई थी.

उन्होंने बताया, 'एक शख्स की निशानदेही के बाद पुलिस संदिग्ध चीजों को लेकर सतर्क थी. हमने तुरंत अपनी फोर्स को उस इलाके में भेजा ताकि कोई भी बड़ा हादसा होने से पहले आईईडी को निष्क्रिय किया जा सके.' राजू ने बताया कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाया जाता, तो बड़ा हादसा हो सकता था.

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ये आईईडी डोएंगखुगरे और आसपास के ग्रामीण इलाकों से बरामद किए गए हैं. राजू ने बताया, 'पुलिस ने लोगों से कहा था कि कोई भी संदिग्ध वस्तु आईईडी हो सकती है, इसलिए उसकी सूचता तुरंत पुलिस को दें. गुरुवार को ग्रामीणों से इस तरह की वस्तुएं देखे जाने की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने ऑपरेशन शुरू किया. ग्रामीणों के समय पर सूचित करने से आईईडी बरामद किए जा सके.'

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