कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन का सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को आजतक के खास कार्यक्रम ई-एजेंडा आजतक में हिस्सा लिया. इस दौरान अशोक गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है, वहीं राज्य सरकार के राजस्व में जबरदस्त घाटा हुआ है.
अशोक गहलोत बोले कि लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है, राज्य और केंद्र का राजस्व घाटे में है. अगर राजस्थान की बात करें तो यहां मार्च-अप्रैल में राजस्व में 10 हजार करोड़ का घाटा हुआ है, ऐसे में भारत सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जरूरत है. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि दोबारा अर्थव्यवस्था को खड़ा करने में एक साल तक का वक्त लग सकता है.
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राजस्थान के मुख्यमंत्री बोले कि जो राज्यों को जो कर्ज मिलता है, उसे बढ़ाया जाए. इस बीच हम राजस्थान में कारोबार को पटरी लाने में जुटे हैं, हमने यहां 7 हजार इकाइयां शुरू कर दी हैं, 1 लाख से अधिक मजदूर काम पर लगे हैं.
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लॉकडाउन बढ़ाने पर क्या बोले गहलोत?
केंद्र सरकार के द्वारा अब 17 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाया गया है. इसपर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ना स्वाभाविक था, राज्य सरकार इसके लिए पहले ही तैयारी कर रही थी. गहलोत बोले कि लॉकडाउन लगाना आसान है, इसे हटाना मुश्किल है. लॉकडाउन को एक बार में हटाना नहीं चाहिए, सभी को उम्मीद थी कि फेज के अनुसार हटेगा.
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ताजा गाइडलाइन्स को लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि अब देश के जिलों को कई जोन में बांटा गया है, हमने इसी के अनुसार पहले से तैयारी की थी. हमारी ओर से समाज के हर तबके को तैयार किया गया और एक साथ लाकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई शुरू की.
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ग्रीन ज़ोन को खोलने को लेकर मुख्यमंत्री बोले कि कोरोना के मामले शहरों में अधिक आ रहे हैं, हैंडिक्राफ्ट से जुड़े रोजगार गांव में हैं. ऐसे में वहां पर इस काम को नहीं रोका गया है, हालांकि सरकार की ओर से भी योजना लाई जा रही है.
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