कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में लॉकडाउन है जो अब बढ़कर 17 मई तक कर दिया गया है. राजस्थान में इस लॉकडाउन को लेकर किस तरह की तैयारी है, इस मसले पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आजतक के खास कार्यक्रम ई-एजेंडा आजतक में चर्चा की. प्रवासी मजदूरों को लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि उनका एक बार घर जाना काफी जरूरी था.
इसी के साथ अशोक गहलोत ने मांग रखी कि जो भी मजदूर मनरेगा के तहत काम करते हैं, उन्हें भी काम के अभाव में अभी केंद्र सरकार की ओर से तन्ख्वाह मिलनी चाहिए.
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राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार ने सभी उद्योगपतियों से अपील की है कि लोगों को सैलरी देते रहें और नौकरी से ना निकालें. ऐसे में मनरेगा को लेकर भी यही आदेश लागू होना चाहिए.
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ई-एजेंडा आजतक में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद हमने मनरेगा के कामकाज को जारी रखा है. मनरेगा में काफी अच्छी प्रगति हुई है, अभी राज्य में 12 लाख लोग मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं. हमारा लक्ष्य है कि 30 लाख लोगों को इसके तहत जोड़ा जाए.
अशोक गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार में ये आंकड़ा सिर्फ नौ लाख के आसपास ही था, जो अभी के हालात से काफी कम है.
फंसे हुए मजदूरों को लेकर अशोक गहलोत बोले कि जिस तरह का माहौल बन गया है, उसके लिए काफी जरूरी था कि मजदूर अपने परिवार से मिल सकें. क्योंकि मजदूरों के मन में इस बात की फिक्र थी कि आखिर लॉकडाउन कबतक रहेगा. ऐसे में सरकार से हमने इन्हें वापस भेजने की मांग की थी, जो अब मान ली गई है. साथ ही साथ ट्रेन की मांग भी मान ली गई है.
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