दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है, जिसके शातिर बदमाश खुद को पुलिस और सीबीआई अफसर बता कर लोगों से ठगी करते थे. जब पुलिस ने इस गैंग को पकड़ा तो वे पुलिसवालों को भी धमकाने लगे. लेकिन पुलिस उनके झांसे में नहीं आई और उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.
दरअसल, दिल्ली निवासी आबिद नाम के एक शख्स ने मंगलवार को अपने दो दोस्तों को फोन करके बाताया कि उसका अपहरण हो गया है और उसे पैसे चाहिए तभी वो बच पाएगा. आबिद ने दोस्तों को ये भी बताया कि ऐसा लग रहा है कि अपहरण पुलिस वालों ने ही किया है. आबिद के दोस्तों को कुछ मामला गड़बड़ लगा.
इसके बाद आबिद के दोनों दोस्त शहादरा पुलिस स्टेशन पहुंच गए और वहां जाकर पुलिस को पूरी बात बताई. पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई. योजना के मुताबिक आबिद के दोस्त ने उन लोगों को फोन करके कहा कि वो एक लाख रुपये देने के लिए तैयार है.
पैसे देने के लिए चाचा नेहरू अस्पताल के पास की जगह तय की गई. बीते मंगलवार की शाम को जैसे ही आरोपी अपनी जिप्सी से पैसे लेने के लिए अस्पताल के पास पहुंचे, वहां मौजूद पुलिस ने उन्हें तुंरत पकड़ लिया. पकड़े जाने के बाद आरोपियों ने पुलिसवालों को अपने आईकार्ड दिखा कर धमकाने की कोशिश की.
आरोपियों में किसी का आईकार्ड सीबीआई का था तो किसी की दिल्ली पुलिस का. उनकी जिप्सी भी सरकारी लग रही थी. लेकिन पुलिस ने जब सख्ती के साथ उनसे पूछताछ की तो उन सबने कबूल कर लिया कि वे ठग हैं. और इस तरह से फर्जी अधिकारी बन कर कई बार लोगों को डरा कर लूटपाट कर चुके हैं.
उन्होंने आबिद से एक पुलिस केस हटवाने की एवज में 5 लाख रूपये की मांग की थी. आबिद ने बताया कि उसे एक बार सच में लगा कि ये सभी असली पुलिस वाले हैं. पुलिस की टीम अब इन सबसे ये पता लगाने में जुटी है कि अब तक इन सबने कितने लोगों के साथ ठगी की है.
परवेज़ सागर / हिमांशु मिश्रा