भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत केंद्र सरकार ने गुरुवार को सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (सीवीसी) के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं. सरकार का उद्देश्य भ्रष्टाचार के मामलों का निपटारा तय समयसीमा के अंदर करने है. यह समयावधि कुछ महीने से लेकर तीन साल तक हो सकती है.
उल्लेखनीय है कि सीवीसी के लिए 2005 के बाद पूरे 12 साल के अंतराल पर नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं. सीवीसी के विजिलेंस मैनुअल का यह सातवां एडीशन है. इस मैनुअल में सीबीआई पर एक अलग से चैप्टर है. मकसद है कि सीबीआई की कार्यप्रणाली के बारे में लोग जानें और सीबीआई के काम करने का तरीका निर्धारित हो.
11 चैप्टर में विभाजित 500 से ज्यादा पैरों वाले इस मैनुअल में व्हिसलब्लोअर, इंश्योरेंस, पब्लिक सेक्टर, विजिलेंस क्लियरेंस, भ्रष्टाचार पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे नए विषयों को भी शामिल किया गया है.
जीरो टॉलरेंस पर CVC का 7 सूत्रीय एजेंडा
दरअसल सेंट्रल विजिलेंस कमीशन यानी सीवीसी का काम सरकारी नौकरशाहों पर पैनी नजर रखना है. लेकिन केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद सीवीसी ने अपनी स्टाइल ऑफ फंक्शनिंग बदली है. ये हैं सात सूत्र...
1) कर्मचारियों पर अब नए तरीके और ज्यादा समय निगरानी रखने के लिए स्पष्ट गाइडलाइन.
2) नए अंदाज में सीवीसी काम करेगी जिसमें अधिक पारदर्शिता होगी. विजिलेंस के जांच के घेरे में आए अधिकारी को बेवजह तंग नहीं किया जाएगा और उन्हें अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाएगा.
3) टाइम बाउंड यानी समयबद्ध तरीके से होगी जांच. किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ शुरू की गई जांच तय समय में पूरी की जाएगी.
4) सीवीसी की स्थापना के बाद अब तक 6 बार यह संस्था अपने कामकाज को लेकर मैनुअल जारी कर चुकी है.
5) विजिलेंस कमीशन के कामकाज को लेकर यह मैनुअल बाइबिल की तरह होगा और जरूरत पड़ने पर इसमें ऑनलाइन बदलाव भी किए जा सकेंगे, जो पहले संभव नहीं था.
6) दिलचस्प बात यह है कि इस नए मैनुअल में बैंक, पब्लिक सेक्टर और सीबीआई पर डिटेल में चैप्टर है, जिसमें सेंट्रल विजिलेंस ऑफिसर के लिए दिशानिर्देश हैं. यही नहीं खासतौर से सीबीआई के कामकाज पर भी एक पूरा डिटेल्ड चैप्टर है, जिससे कि सीबीआई की कार्यप्रणाली लोगों को पता चले.
7) विजिलेंस कमीशन को दे रहा भ्रष्टाचार से बचने के उपाय. 2005 के बाद अब जारी किए गए इस मैनुअल में कैसे भ्रष्टाचार से बचा जाए इसके बारे में भी जानकारी दी गई है.
सबसे बड़ी बात यह है कि यह मैनुअल अब ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगा. यानी आम जनता भी इसे पढ़ सकता है.
जितेंद्र बहादुर सिंह / मौसमी सिंह