बीजेपी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि संविधान में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को दिया गया आरक्षण उनसे कोई भी नहीं छीन सकता. हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा SC ST एक्ट में बदलाव को पर सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बदलाव के जरिए एससी एसटी एक्ट को कमजोर नहीं किया गया है.
बाबू जगजीवन राम की जयंती के मौके पर गुरुवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति देश की कुल आबादी का 25 फीसदी हैं और उनके विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है. मोदी ने कहा कि 1979 में बने अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण कानून में 1, जनवरी 2016 को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने संशोधन कर पहले की तुलना में इसे और ज्यादा मजबूत प्रभावी और कठोर बना दिया है.
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समाज से आने वाले किसी व्यक्ति का मूंछ मुंड़वाकर घूम आना, मृत जानवर या मानव शव ढुलवाना, मानव मल उठवाना, इस समाज की महिलाओं को देवदासी बनाना, महिला के कपड़े उतरवाना और चुनाव में नामांकन करने से रोकना को अब भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध की श्रेणी में लाया गया है.
मोदी ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट और अलग से सरकारी वकील को तैनात कर चार्जशीट दाखिल होने के दो महीने के अंदर मुकदमे के निस्तारण का प्रावधान भी किया गया है.
सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में जहां क्रीमी लेयर की विरोधी है वहीं प्रमोशन में आरक्षण की पक्षधर भी है. उन्होंने बताया कि प्रमोशन में आरक्षण के मामले को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने मजबूती से रखा है. मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि केंद्र सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कानून को प्रभावी बनाए रखने, प्रमोशन में आरक्षण और यूजीसी के अंतर्गत प्राध्यापकों की नियुक्ति के मामले में लंबी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है.
रोहित कुमार सिंह / सना जैदी