बिहार: सरकारी खरीद में आएगी पारदर्शिता, सरकार ने लांच किया GeM पोर्टल

एक अप्रैल से CTMIS के स्थान पर CFMS लागू होने से ई-पेमेंट के माध्यम से सरकारी राशि सीधे लाभुकों के खाते में पहुंचेगी. वहीं, ई-रिसीट से कोई भी व्यक्ति सरकारी खाते में ऑनलाइन राशि जमा कर सकेगा.

Advertisement
सुशील मोदी सुशील मोदी

अजीत तिवारी / सुजीत झा

  • पटना,
  • 04 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 8:57 PM IST

सरकारी खरीद के लिए GeM (गवर्नमेंट ई-मार्केट) पोर्टल और डिजिटल वित्तीय प्रणाली के लिए CFMS (समेकित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) को बिहार के उपमुख्यमंत्री और सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लांच किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि पहले चरण में GeM के जरिए सचिवालय से जुड़े कार्यालय 50 हजार रुपये के मूल्य तक की सामग्री की खरीददारी त्वरित व पारदर्शी तरीके से करेंगे.

Advertisement

साथ ही एक अप्रैल से CTMIS के स्थान पर CFMS लागू होने से ई-पेमेंट के माध्यम से सरकारी राशि सीधे लाभान्वितों के खाते में पहुंचेगी. वहीं, ई-रिसीट से कोई भी व्यक्ति सरकारी खाते में ऑनलाइन राशि जमा कर सकेगा.

पटना के सचिवालय सभागार में मोदी ने कहा कि CFMS के माध्यम से वित्तीय लेन-देन में परदर्शिता आएगी व लाभुकों को तुरन्त भुगतान के साथ समय की भी बचत होगी. इससे राज्य के बजट निर्माण, अकाउंटिंग और आवंटित राशि के खर्चों का हिसाब रखने में विभागों को मदद मिलेगीं.

उन्होंने बताया कि CFMS प्रणाली के अन्तर्गत सरकार के 44 विभाग ई-बिलिंग के माध्यम से ट्रेजरी से निकासी करेंगे. ई-साइन के जरिए वाउचर हस्ताक्षरित किया जायेगा. कागजी कार्रवाई में लगने वाले अनावश्यक समय की बचत होगी.

उन्होंने कहा कि इस प्रणाली को क्रमिक रूप से 4 चरणों में लागू किया जायेगा. प्रणाली के सुचारू संचालन के लिए 30 हजार से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित किया जायेगा व सभी विभागों के 10 हजार से ज्यादा निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी इसके माध्यम से वित्तीय लेन-देन कर सकेंगे.

Advertisement

इसी प्रकार GeM पोर्टल एक तरह से ऑनलाइन ई-मार्केट प्लेस है. पहले चरण में सचिवालय से जुड़े कार्यालय 50 हजार रुपये तक की खरीददारी इस पोर्टल के जरिए करेंगे. 50 हजार से 30 लाख तक की खरीददारी निविदा के माध्यम से होगी.

इस प्रणाली से खरीद होने के बाद बिक्रेता को भुगतान के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा, बल्कि सामग्री प्राप्ति के 10 दिनों के अंदर खरीददार द्वारा CRAC (Consingee Receipt and Acceptance Certificate) जारी नहीं किए जाने पर मूल्यांकित राशि का 80 प्रतिशत स्वतः बिक्रेता के खाते में चली जायेगी. अगले 30 दिन के बाद शेष 20 प्रतिशत राशि भी बिक्रेता को मिल जाएगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement