पैरालंपिक 2024: LoC पर धमाके में पैर गंवाने वाले नगालैंड के होकाटो ने जीता मेडल

होकाटो होतोजी सीमा भारतीय थल सेना के असम रेजिमेंट में हवलदार थे. नियंत्रण रेखा पर एक ऑपरेशन के दौरान वह बारूदी सुरंग की चपेट में आ गए और उन्हें अपना दाहिना पैर गंवाना पड़ा था.

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होकाटो सेमा ने पेरिस पैरालंपिक के शॉट पुट इवेंट में कांस्य पदक जीता. (PTI Photo) होकाटो सेमा ने पेरिस पैरालंपिक के शॉट पुट इवेंट में कांस्य पदक जीता. (PTI Photo)

aajtak.in

  • पेरिस ,
  • 07 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:43 AM IST

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है. पैरालंपिक इतिहास का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत अब तक 27 पदक अपने नाम कर चुका है. 27वां मेडल शॉट पुट एफ57 इवेंट में आया. फाइनल मुकाबले में नागालैंड के 40 वर्षीय होकाटो होतोजे सेमा ने अपने चौथे प्रयास में 14.65 मीटर थ्रो किया और अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए तीसरे स्थान पर रहे. इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा पैरालंपिक खेलों में भारत के लिए 27वां पदक पक्का किया.

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होकाटो सेमा ने 14.40 मीटर का थ्रो किया

अपने चौथे प्रयास में और सुधार करने से पहले नागालैंड का यह एथलीट 14.40 मीटर के अपने तीसरे थ्रो के साथ स्टैंडिंग में तीसरे स्थान पर पहुंच गया था. होकाटो पैरालंपिक पदक जीतने वाले नागालैंड के पहले एथलीट हैं. हांग्जो एशियाई पैरालंपिक खेलों के कांस्य पदक विजेता रहे हैं. एक अन्य भारतीय एथलीट सोमन राणा 14.07 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ पांचवें स्थान पर रहे. वह एक समय स्टैंडिंग में तीसरे स्थान पर चल रहे थे, लेकिन फिनलैंड के टीजो कोओपिक्का और होकाटो के बेहतर प्रयासों के बाद पेकिंग मेडल की रेस से बाहर हो गए.

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पेरिस पैरालंपिक में भारत के अब 27 पदक

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ईरान के यासीन खोसरावी ने 15.96 मीटर थ्रो के साथ इवेंट का गोल्ड मेडल जीता, जबकि ब्राजील के पॉलिनो डॉस सैंटोस 15.06 मीटर थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे और सिल्वर मेडल जीता. होकाटो की जीत के साथ भारत ने पेरिस पैरालिंपिक 2024 में एथलेटिक्स इवेंट में अब तक कुल 15 पदक अपने नाम किए हैं. वर्तमान में 6 स्वर्ण, 9 रजत और 12 कांस्य सहित 27 पदकों के साथ मेडल टैली में भारत 17वें स्थान पर है.

होकाटो को LoC पर गंवाना पड़ा था एक पैर

होकाटो होतोजी सेमा अपने जीवन में चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़े हैं. वह भारतीय थल सेना के असम रेजिमेंट में हवलदार थे. साल 2002 में नियंत्रण रेखा (LoC) पर एक ऑपरेशन के दौरान वह बारूदी सुरंग की चपेट में आ गए और उन्हें अपना दाहिना पैर गंवाना पड़ा. अपना एक पैर गंवाने के बाद  होकाटो ने ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट (OGQ) की मदद से अपना एथलेटिक करियर शुरू किया. होकाटो ने 2022 में, मोरक्को ग्रांड प्रिक्स में रजत पदक जीता था. इस साल की शुरुआत में वह विश्व चैम्पियनशिप में भी चौथे स्थान पर रहे थे.

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