यूएफा यूरो कप के महामुकाबले में मेजबान इंग्लैंड को पटखनी देकर इटली चैम्पियन बन गया है. पेनल्टी शूट आउट तक चले मुकाबले में इटली ने इंग्लैंड को पटखनी देकर यूरो कप का खिताब अपने नाम कर लिया. साल 1968 के बाद यूरो कप में इटली की यह पहली खिताबी जीत है. 55 साल बाद फाइनल में पहुंचे इंग्लैंड का अपना पहला यूरो कप खिताब जीतने का सपना टूट गया.
इससे पहले 90 मिनट के खेल में दोनों ही टीमें 1-1 से बराबरी पर रहीं जिसके बाद 6 मिनट का इंजरी टाइम लिया गया. इंजरी टाइम में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी जिसके बाद 30 मिनट के एक्स्ट्रा टाइम का खेल हुआ. एक्स्ट्रा टाइम के खेल में भी दोनों में से कोई टीम गोल नहीं कर सकी. मुकाबला एक्स्ट्रा टाइम में भी बराबरी पर छूटने के बाद नतीजे के लिए पेनल्टी शूट आउट का सहारा लिया गया.
पेनल्टी शूट आउट में इटली ने इंग्लैंड को पटखनी दे दी. पेनल्टी शूट आउट में इटली ने पांच में से तीन दफे गेंद को गोल पोस्ट में डाला जबकि इंग्लैंड के खिलाड़ी ऐसा दो दफे ही कर सके. इससे पहले खिताबी मुकाबले की शुरुआत ही रोमांचक रही. ऐतिहासिक वेम्बली स्टेडियम में मैच की शुरुआत के बाद दूसरे ही मिनट में ल्यूक शॉ ने शानदार गोल कर इंग्लैंड को बढ़त दिला दी. इंग्लैंड ने 1-0 से आगे होने के बावजूद पूरे मैच में ढिलाई नहीं बरती और आक्रामक खेल का मुजायरा किया. पहले हाफ की समाप्ति तक इंग्लैंड ने इटली पर अपनी 1-0 की बढ़त बनाए रखा.
पहले हाफ में इटली के खिलाड़ियों ने भी आक्रामक फुटबॉल खेली और मुकाबले को बराबरी पर लाने के लिए पूरा जोर लगा दिया. इटली की ओर से फेडरिको कीएजा ने ताबड़तोड़ हमले बोले, कुछ मौके भी बनाए लेकिन गोल करने से चूक गए. दूसरे हाफ की शुरुआत में इटली के अनुभवी डिफेंडर लियोनार्डो बोनुची ने मैच के 67वें मिनट में गोल दागकर मुकाबले को 1-1 से बराबरी पर ला दिया.
इटली को मिले कॉर्नर पर इनसीनिया ने स्ट्राइक ली और वेरापट्टी ने हेडर जमाकर गोल करना चाहा. इंग्लैंड के गोलकीपर पिकफर्ड ने गेंद को गोल पोस्ट में जाने से तो रोक लिया लेकिन गेंद छिटक गई और बोनुची ने मौके को भुनाते हुए गेंद को गोल में डाल अपनी टीम को मुकाबले में बराबरी दिला दी. 34 साल 71 दिन के बोनुची यूरो कप के इतिहास में फाइनल मुकाबले में गोल करने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बन गए.
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