Davis Cup: स्विट्जरलैंड को हराकर भारतीय टेनिस टीम ने रचा इतिहास, 32 साल बाद किया ये कमाल

भारतीय पुरुष टेनिस टीम ने 32 साल बाद यूरोप में ऐतिहासिक जीत दर्ज की. बिएल में स्विट्ज़रलैंड को 3-1 से हराकर भारत ने डेविस कप 2025 वर्ल्ड ग्रुप I टाई जीत ली. सुमित नागल ने दो सिंगल्स जीतकर बड़ा योगदान दिया, जबकि दक्षिणेश्वर सुरेश ने स्विस नंबर 1 को हराया.

Advertisement
बल टेनिस टीम ने स्विट्जरलैंड में रचा इतिहास.(Photo: PTI) बल टेनिस टीम ने स्विट्जरलैंड में रचा इतिहास.(Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:15 PM IST

भारतीय पुरुष टेनिस टीम ने स्विट्जरलैंड के बीएल शहर में शनिवार को इतिहास रच दिया. भारतीय टीम ने स्विट्जरलैंड को 3-1 से हराकर डेविस कप 2025 वर्ल्ड ग्रुप I टाई जीत ली और 2026 क्वालिफायर में जगह पक्की की. यह भारत की 32 वर्षों में यूरोप की किसी टीम के खिलाफ विदेश में पहली जीत है. पिछली बार यह उपलब्धि 1993 में फ्रांस के खिलाफ मिली थी.

Advertisement



सुमित नागल ने चौथे रबर में 18 वर्षीय हेनरी बेर्नेट को 6-1, 6-3 से हराकर भारत को निर्णायक बढ़त दिलाई. इससे पहले नागल ने अपना शुरुआती सिंगल्स भी जीता था और भारत को 2-0 की बढ़त दिलाई थी. डेब्यूटेंट दक्षिणेश्वर सुरेश ने स्विस नंबर 1 जेरोम किम को हराकर बड़ा उलटफेर किया.

स्विट्ज़रलैंड ने डबल्स जीतकर मुकाबले में वापसी की कोशिश की, जब याकुब पॉल और डॉमिनिक स्ट्रिकर ने एन. श्रीराम बालाजी और ऋत्विक बोलीप्पल्ली को 6-7(3), 6-4, 7-5 से हराया. भारतीय जोड़ी के पास मौके थे लेकिन अहम पलों पर चूक गए. रिवर्स सिंगल्स में नागल ने कोई गलती नहीं की और जूनियर ऑस्ट्रेलियन ओपन चैंपियन बेर्नेट को सीधे सेटों में मात दी.

मैच के बाद क्या बोले नागल

नागल ने मैच के बाद कहा,'यूरोप में हमें जीते हुए काफी समय हो गया था. टीम ने एक-दूसरे को लगातार पुश किया. डबल्स कठिन था और स्तर ऊंचा था. मैं साइडलाइन पर बैठकर ज्यादा पसीना बहा रहा था. जब मुझे इस युवा खिलाड़ी से खेलना था तो पता था कि यह मुश्किल होगा, क्योंकि युवा खिलाड़ियों का अंदाजा लगाना कठिन होता है. लेकिन मैं खुश हूं कि मैंने बेहतरीन खेल दिखाया.'

Advertisement

इस जीत के साथ भारत (रैंकिंग 37) ने स्विट्ज़रलैंड (रैंकिंग 24) जैसी नौवीं वरीयता प्राप्त टीम को हराकर 2026 वर्ल्ड ग्रुप क्वालिफायर में जगह बनाई. स्विट्ज़रलैंड अब वर्ल्ड ग्रुप I प्ले-ऑफ खेलेगा.

तीन बार फाइनल में पहुंची भारतीय टीम (1966, 1974, 1987) अब शीर्ष स्तर पर वापसी की दिशा में आगे बढ़ना चाहेगी.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement