रूस-यूक्रेन 'युद्ध' के बीच कैसे होगा मैच? चैम्पियंस लीग के फाइनल ने बढ़ाई टेंशन

रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में चैम्पियंस लीग का फाइनल आयोजित होना है. लेकिन रूस-यूक्रेन के बीच अभी जिस तरह के हालात बन रहे हैं, उसके चलते कई देशों ने आपत्ति जाहिर कर दी है.

Advertisement
Champions league final football (File Pic) Champions league final football (File Pic)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 1:16 PM IST
  • सेंट पीटर्सबर्ग में कैसे होगा फाइनल का आयोजन
  • मई में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में है चैम्पियंस लीग फाइनल

रूस और यूक्रेन के बीच इस वक्त जंग जैसे हालात बन गए हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बीते कुछ दिनों में जो एक्शन लिए हैं, उससे दुनिया के कई बड़े देश टेंशन में हैं क्योंकि कभी भी युद्ध हो सकता है. इन हालातों ने खेल जगत की टेंशन भी बढ़ाई है, क्योंकि फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट में से एक चैम्पियंस लीग का फाइनल रूस में ही होना है. 

रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में इसी साल 28 मई को चैम्पियंस लीग का फाइनल खेला जाना है. लेकिन जिस तरह के हालात बन गए हैं, उसके बाद यूरोपियन फुटबॉल की गवर्निंग बॉडी ने इसको लेकर मंथन शुरू कर दिया है. 28 मई को सेंट पीटर्सबर्ग में होने वाला चैम्पियंस ट्रॉफी का फाइनल रूस में करीब 4 साल बाद होने वाला सबसे बड़ा स्पोर्ट्स इवेंट होगा.

Advertisement

संगठन द्वारा जारी किया गया था बयान

UEFA की ओर से बीते दिनों ही बयान जारी किया गया था. ग्रुप ने बताया कि वह लगातार रूस-यूक्रेन के बीच के हालात पर नज़र बनाए हुए है, ऐसे में अभी तक उनका फाइनल का वेन्यू बदलने का कोई विचार नहीं है. हालांकि, ये बयान तब आया था जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विवादित इलाकों को मान्यता देने का ऐलान नहीं दिया था.

ब्रिटेन ने जताई है आपत्ति

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी इस मसले पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इस तरह के इवेंट का आयोजन रूस को नहीं करना चाहिए. बोरिस जॉनसन ने कहा कि रूस जो दुनिया से कट रहा है, उसे इतने बड़े टूर्नामेंट का आयोजन नहीं करने देना चाहिए, क्योंकि वह दूसरे देशों पर अपना दबदबा बना रहा है. 

UEFA को इससे पहले भी चैम्पियंस लीग के फाइनल की लोकेशन को मूव करना पड़ा था, क्योंकि कोरोना से माहौल बिगड़ रहा था. ऐसे में तुर्की की बजाय पुर्तगाल में इनका आयोजन किया गया था. लेकिन अब जब रूस-यूक्रेन के बीच ऐसे हालात बन रहे हैं, तब अभी तक इसपर कोई फैसला नहीं हुआ है. 

खास बात ये भी है कि रूस की गैस कम्पनी Gazprom ही चैम्पियंस लीग की मेन स्पॉन्सर है, ऐसे में आयोजकों के लिए इसे शिफ्ट करना इतना भी आसान नहीं होगा. वहीं, इंग्लैंड की ओर से दबाव इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि चैम्पियंस लीग की टॉप-16 टीम में चार उनके यहां की ही हैं. 

Advertisement


 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement