Tai Tzu-ying Retirement: टोक्यो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट और महिला बैडमिंटन की महान खिलाड़ी चीनी ताइपे की ताई जू-यिंग ने खेल से संन्यास की घोषणा कर दी है. इसके साथ ही उनके शानदार करियर का अंत हो गया, जिसमें उन्होंने 17 BWF वर्ल्ड टूर खिताब जीते और 12 टूर्नामेंट में उपविजेता रहीं.
31 वर्षीय शटलर, जो अपनी कलात्मक शैली और कलाई के जादू के लिए मशहूर थीं. उन्होंने बार-बार लगने वाली चोटों को संन्यास लेने की वजह बताया.
उनका आखिरी BWF खिताब 2024 में इंडिया ओपन के रूप में आया था. ताई जू ने शुक्रवार को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा- एक खूबसूरत अध्याय का अंत हो गया. बैडमिंटन, तुमने मुझे जो कुछ भी दिया, उसके लिए धन्यवाद.
पीवी सिंधु ने लिखा ताई जू यिंग के संन्यास पर भावुक पोस्ट
भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने चीनी ताइपे की दिग्गज शटलर ताई जू-यिंग के संन्यास पर इंस्टाग्राम पर भावुक प्रतिक्रिया दी. ताई ने शुक्रवार को बैडमिंटन को अलविदा कह दिया, जिसके बाद सिंधु ने उनके साथ हुई प्रतिद्वंद्विता और दोस्ती को याद किया.
सिंधु ने कहा कि 15 साल से अधिक समय तक ताई जू-यिंग ही वो प्रतिद्वंद्वी रहीं. जिन्होंने हर मुकाबले में उन्हें अपनी सीमाओं तक धकेला. उन्होंने बताया कि उनके करियर के दो सबसे बड़े पदक रियो ओलंपिक 2016 में सिल्वर था और 2019 वर्ल्ड चैम्पियनशिप का गोल्ड था. इस दौरान दोनों ही मौकों पर पीवी सिंधु की ताई का भी मैराथन मुकाबलों में सामना हुआ.
रियो में दोनों का सामना प्री-क्वार्टर फाइनल में हुआ था, जबकि 2019 में बासेल वर्ल्ड चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में भिड़ंत हुई. सिंधु ने लिखा कि इन मैचों में उन्होंने अपनी क्षमता की सबसे गहरी परतों तक खेल दिखाया. हालांकि, 2021 ओलंपिक सेमीफाइनल और एशियन गेम्स में ताई ने उन्हें हराकर हिसाब बराबर किया, जिसे वह अब भी मुस्कुराते हुए याद करती हैं.
सिंधु ने यह भी स्वीकार किया कि ताई के खिलाफ खेलना कभी आसान नहीं था. उनकी कलाई की कलाकारी, चतुर डिफेंस और शांत खेल शैली ने हर बार उन्हें और बेहतर बनने के लिए मजबूर किया. उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि उनकी कोचिंग टीम भी जानती है कि ताई के खिलाफ मैच से पहले कितनी खास तैयारी करनी पड़ती थी.
हालांकि, प्रतिद्वंद्विता से परे, दोनों खिलाड़ियों के बीच गहरा सम्मान और दोस्ती भी पनपी. सिंधु ने लिखा कि ताई का संन्यास उनके अपने सफर का एक हिस्सा कम होने जैसा है. साथ ही उन्होंने कहा कि जब अपनी पीढ़ी के खिलाड़ी खेल से दूर होने लगते हैं, तो इसका अहसास आसान नहीं होता. पोस्ट के अंत में सिंधु ने ताई जू-यिंग को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बैडमिंटन जगत उनकी कमी महसूस करेगा वह खुद भी इसकी कमी महसूस करेगी.
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