3 साल की उम्र में ही पिता ने पहचाना टैलेंट, 22 साल बाद बेटी बनी भारतीय क्रिकेट की शान

प्रतीका रावल ने महिला वर्ल्ड कप में अपनी पहली शतकीय पारी खेलकर भारतीय क्रिकेट में नाम रोशन किया. 25 साल की बल्लेबाज ने स्मृति मंधाना के साथ 212 रनों की जबरदस्त ओपनिंग साझेदारी निभाई.

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अपनी शतकीय पारी से सुर्खियों में प्रतीका रावल. (Photo, Getty) अपनी शतकीय पारी से सुर्खियों में प्रतीका रावल. (Photo, Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 3:28 PM IST

जब प्रतीका रावल ने न्यूजीलैंड के खिलाफ महिला वर्ल्ड कप में अपनी पहली शतकीय पारी पूरी की, तो नवी मुंबई का डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम खुशी और गर्व की लहरों से गूंज उठा. 25 साल की युवा बल्लेबाज ने अपने हेलमेट को उठाया और बैट हवा में घुमाते हुए दर्शकों की दुलार भरी सराहना का जवाब दिया.

'प्रतीका-प्रतीका' की आवाजें स्टेडियम की हर दिशा में गूंज उठीं, जैसे पूरा मैदान उनकी सफलता का जश्न मना रहा हो. इस पल ने न केवल दर्शकों के दिलों को छू लिया, बल्कि पिता प्रदीप रावल की आंखों में भी अनकही भावनाओं की झिलमिलाहट ला दी.

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भीड़ में मौजूद उनके पिता प्रदीप रावल इस पल को देखने के लिए बेहद भावुक थे. प्रतीका को महज तीन साल की उम्र से प्रशिक्षित करने का उनका फैसला अब शानदार तरीके से रंग ला चुका है.

शानदार पारी और रिकॉर्ड

प्रतिका ने अपनी शांत और संयमित शैली में बल्लेबाजी शुरू की और 134 गेंदों में 122 रन बनाए, जिसमें 13 चौके और 2 छक्के शामिल थे. उनके इस प्रदर्शन से भारत ने 49 ओवरों में 3 विकेट पर 340 रन का स्कोर बनाया. स्मृति मंधाना के साथ 212 रनों की ओपनिंग साझेदारी ने भारत की स्थिति को मजबूत किया.

गुरुवार को प्रतीका ने महिला वनडे इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कर लिया, जब उन्होंने 1,000 रन पूरे करने वाली सबसे तेज बल्लेबाजों में खुद को शामिल किया. उन्होंने यह उपलब्धि ऑस्ट्रेलिया की लिंडसे रीलर के साथ साझा की. प्रतीका ने 23 पारियों में 1,110 रन बनाए हैं, औसत 50.45 और स्ट्राइक रेट 82.83 के साथ. इसमें उनके 2 शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं.

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बचपन से ही दिखी प्रतिभा

प्रतीका की प्रतिभा बचपन से ही उजागर हुई. 9 साल की उम्र में उन्होंने रणजी ट्रॉफी के अनुभवी खिलाड़ियों को अपनी स्ट्रोकप्ले से चौंका दिया. बचपन में वह बास्केटबॉल में भी प्रतिभाशाली रहीं और 2019 में दिल्ली के 64वें स्कूल नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक जीता. 2020 में उन्होंने क्रिकेट को चुना और 2021 में दिल्ली के लिए घरेलू पदार्पण किया.

प्रशिक्षकों और मार्गदर्शन का योगदान

प्रदीप रावल ने बताया कि उन्होंने प्रतीका को हमेशा जमीन पर खेलना सिखाया. रेलवे कोच दीप्ति ध्यानी ने 2017 में उनकी तकनीक को और निखारा. उनके मार्गदर्शन से प्रतिका ने अपनी बल्लेबाजी को शानदार शैली और स्थिरता दी.

टीम इंडिया की सेमीफाइनल चुनौती

प्रतीका ने स्मृति मंधाना के साथ जबरदस्त ओपनिंग साझेदारी बनाई है. इस जोड़ी ने 23 पारियों में कुल 1,799 रन बनाए हैं, जिसमें 7 शतकीय साझेदारियां शामिल हैं. यह महिला क्रिकेट में किसी भी ओपनिंग विकेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है.

सेमीफाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया या साउथ अफ्रीका का सामना करना है, लेकिन प्रदीप का भरोसा है कि भारत ही एक ऐसी टीम है जो ऑस्ट्रेलिया को हरा सकती है.

रिपोर्ट - ऋषभ बेनीवाल

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