इस बार भारतीय टीम के वर्ल्ड कप जीतने के पीछे बेटियों का दम तो था ही, वहीं टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ की भी अहम भूमिका रही. साउथ अफ्रीका को जब भारतीय टीम ने 2 नवंबर को वर्ल्ड कप फाइनल में हराया तो टीम इंडिया की चैम्पियन बेटियों की चर्चा तो हुई, हेड कोच अमोल मजूमदार भी हाइलाइट हुए, उनके योगदान के बारे में खूब बातें हुई, जो 2 साल से टीम इंडिया से जुड़कर लगातार मेहनत कर रहे थे.
लेकिन भारतीय टीम में 2 ऐसे भी शख्स रहे, जिनको लेकर इस दौरान बेहद कम चर्चा हुई. ये दो नाम हैं आविष्कार साल्वी और मुनीश बाली. आविष्कार साल्वी महिला क्रिकेट टीम के गेंदबाजी कोच हैं. वहीं मुनीश बाली टीम के फील्डिंग कोच. मुनीश तो कई बार BCCI द्वारा शेयर होने वाले उन वीडियो में दिख जाते थे, जहां टीम को फील्डिंग के लिए अवॉर्ड दिया जाता था. पर साल्वी को लेकर ज्यादा चर्चा नहीं हुई. वह लाइमलाइट से दूर रहे.
Landmark decisions that led to a historic victory 👏🏆
Captain Harmanpreet Kaur and Head Coach Amol Muzumdar highlight the role played by the BCCI as well as former BCCI Honorary Secretary & current ICC Chairman Mr. Jay Shah in #TeamIndia's World Cup success 🙌 @JayShah |… pic.twitter.com/fCYPwWlnNm
— BCCI Women (@BCCIWomen) November 6, 2025
...तो कौन हैं आविष्कार साल्वी, मैक्ग्रा की तरह एक्शन, गंभीर संग डेब्यू
44 साल के आविष्कार साल्वी टीम इंडिया के लिए खेल चुके हैं. उनका गेंदबाजी एक्शन ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ग्लेन मैक्ग्रा की तरह था. इस वजह से उनका तब उस दौर में खूब नाम हुआ था. वैसे वूमन टीम इंडिया का बॉलिंग कोच बनने से पहले वो डोमिस्टक क्रिकेट में भी अपनी कोचिंग का लोहा मनवा चुके हैं.
उन्होंने 2018 में क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद पुडुचेरी टीम के मुख्य कोच के रूप में अपने कोचिंग करियर की शुरुआत की. अपने पहले कार्यकाल में टीम के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें 2020 में एक बार फिर पुडुचेरी क्रिकेट टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया. 2022 में साल्वी को पंजाब क्रिकेट टीम का हेड कोच बनाया गया. टीम के साथ अपने दूसरे सीजन में उन्होंने पंजाब को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का पहला खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई. यह पंजाब की 30 साल में पहली घरेलू ट्रॉफी थी.
साल्वी घरेलू क्रिकेट में मुंबई की टीम का प्रतिनिधित्व करते थे, उन्होंने रिजर्व फास्ट बॉलर से मुंबई के मुख्य स्ट्राइक गेंदबाज तक का सफर तय किया, और फिर इंडिया A और भारतीय टीम तक पहुंचे. लेकिन सिर्फ चार वनडे और चार विकेट के बाद चोटों ने उन्हें घेर लिया, जिसके चलते वह मुंबई टीम में भी नियमित रूप से नहीं खेल पाए.
जब 11 अप्रैल 2003 को बांग्लादेश के खिलाफ ढाका में साल्वी ने टीम इंडिया के लिए वनडे डेब्यू किया तो वो गौतम गंभीर का भी पहला मैच था. यानी साल्वी का भारत के हेड कोच गौतम गंभीर संग भी एक कनेक्शन है.
2009 में जब वह आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए उतरे, तो उन्हें अपने आदर्श ग्लेन मैक्ग्राथ के साथ खेलने और उनके साथ गेंदबाजी करने का मौका मिला. आईपीएल में उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए 7 मैचों में 7 विकेट झटके, वह 2009 और 2011 के सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेले थे. उन्होंने 62 फर्स्ट क्लास मैचों में 169 विकेट लिए. 52 लिस्ट ए मुकाबलों में उन्होंने 71 विकेट लिए. 19 टी20 में उन्होंने 18 विकेट अपने नाम किए.
अब जानिए कौन हैं गेंदबाजी कोच मुनीश बाली?
... भारतीय टीम की इस वर्ल्ड कप में फील्डिंग को हाईस्केल लेवल पर पहुंचाने में मुनीश बाली का हाथ था. ध्यान रहे बांग्लादेश के खिलाफ वर्ल्ड कप मैच में भारत की प्रतीका रावल कैच लेते हुए इंजर्ड हो गईं. जिसने दिखाया कि टीम इंडिया का फील्डिंग को लेकर माइंडसेट कैसा था.
नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) अब बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (BCCI Centre of Excellence) बन चुका है. यहां साल 2021 में मुनीश बाली की सुभदीप घोष, टी दिलीप के साथ बतौर फील्डिंग कोच नियुक्ति हुई थी.
वहीं साल 2022 में जब भारतीय टीम आयरलैंड के टी20 दौरे पर गई तो मुनीश बाली फील्डिंग कोच थे. आयरलैंड के उस छोटे दौरे पर सितांशु कोटक, साईराज बहुतुले भारतीय टीम के सहयोगी स्टाफ में शामिल थे. तब वीवीएस लक्ष्मण टीम इंडिया के हेड कोच थे. 2023 एशियन गेम्स जब हांगझोऊ में हुए तब भारतीय पुरुष टीम के फील्डिंग कोच मुनीश बाली थे. यानी साफ है कि मुनीश बाली का टीम इंडिया के साथ बतौर फील्डिंग कोच अनुभव लंबा अनुभव है. 51 साल के मुनीश स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की ओर से मैच खेल चुके हैं.
Krishan Kumar