'वादे पूरे ना हों तो निराश मत होना...', सुनील गावस्कर ने वर्ल्ड चैम्पियन बेटियों को दी नसीहत, 1983 विश्व कप की दिलाई याद

कपिल देव की कप्तानी में भारतीय टीम ने साल 1983 में क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था. उस टीम का हिस्सा महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर भी थे. 1983 की जीत ने भारतीय क्रिकेट को नई दिशा दी थी.

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भारत ने साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार महिला वर्ल्ड कप जीता था. (Photo: Getty Images) भारत ने साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार महिला वर्ल्ड कप जीता था. (Photo: Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:21 PM IST

भारतीय महिला टीम ने साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप खिताब जीता था. कप्तान हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में टीम इंडिया ने खिताबी मुकाबला 52 रनों से जीत वह सपना पूरा किया, जिसका इंतजार देश को दशकों से था. 2005 और 2017 में मिताली राज की अगुवाई में भारतीय टीम महिला वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी, लेकिन तब टीम इंडिया फिनिशिंग लाइन पार नहीं कर सकी थी.

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भारतीय महिला टीम ने आखिरकार अपनी मेहनत, जज्बे और आत्मविश्वास के दम पर इतिहास रच दिया. महिला प्रीमियर लीग (WPL) ने खिलाड़ियों को बेहतरीन मंच दिया, साथ ही कोच अमोल मजूमदार की रणनीति भी रंग लाई. खिताब जीतने के बाद भारतीय खिलाड़ियों पर इनामों की बरसात हुई.

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भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने  51 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की. साथ ही भारतीय टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की ओर से लगभग 40 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि मिली. राज्य सरकारों की तरफ से भी स्मृति मंधाना, हरलीन देओल, ऋचा घोष, श्री चरणी, हरमनप्रीत कौर और अन्य खिलाड़ियों को व्यक्तिगत पुरस्कार देने की घोषणा की गई है.

'सबसे बड़ा सम्मान फैन्स का प्यार'
अब भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और महान बलेबाज सुनील गावस्कर ने महिला खिलाड़ियों को खास नसीहत दी है. गावस्कर ने कहा कि खिलाड़ियों को ज्यादा उम्मीदें नहीं रखनी चाहिए. गावस्कर का मानना है कि खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ा सम्मान फैन्स का प्यार और समर्थन है.

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सुनील गावस्कर ने मिड-डे अखबार के अपने कॉलम में लिखा, 'लड़कियों के लिए बस एक छोटा सा सुझाव. अगर कुछ वादे पूरे न हों तो निराश मत होना. भारत में कई विज्ञापन कंपनियां, ब्रांड्स और लोग जीत के बाद तुरंत टीम के नाम का इस्तेमाल कर अपने लिए प्रचार करने लगते हैं. अखबारों और होर्डिंग्स पर टीम को बधाई देने वाले बड़े-बड़े विज्ञापन देखिए, अगर वे सच में टीम या खिलाड़ियों के ऑफिशियल स्पॉन्सर नहीं हैं, तो वे सिर्फ अपना ब्रांड चमकाने की कोशिश कर रहे हैं.'

सुनील गावस्कर ने 1983 वर्ल्ड कप को याद करते हुए लिखा, '1983 की हमारी टीम के साथ भी ऐसा ही हुआ था. तब भी मीडिया में ढेर सारे वादे और घोषणाएं हुई थीं, लेकिन उनमें से लगभग कोई भी पूरी नहीं हुई. मीडिया की भी गलती नहीं थी, वे तो सिर्फ खुशी-खुशी उन बड़ी-बड़ी घोषणाओं को छाप रहे थे. उन्हें यह पता नहीं था कि कुछ लोग उनका इस्तेमाल खुद को चमकाने के लिए कर रहे हैं. इसलिए लड़कियों, अगर अब भी कुछ लोग आपकी जीत का इस्तेमाल अपने प्रचार के लिए कर रहे हैं, तो परेशान मत होना.'

सुनील गावस्कर ने आगे लिखा, '1983 की टीम आज भी कहती है कि इतने सालों बाद भी उनके लिए सबसे बड़ी दौलत भारतीय क्रिकेट फैन्स का प्यार और सम्मान है. यही प्यार आगे चलकर आपकी सबसे बड़ी पूंजी बनेगी, जब आप अपने करियर के अंत में पीछे मुड़कर देखेंगी. एक बार फिर ढेरों बधाई. पूरा देश आप पर गर्व करता है. जय हिंद.'

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