कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) सेलेक्टर्स पर सवाल उठाते हुए कहा है कि घरेलू क्रिकेट में निरंतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को नजरअंदाज किया जा रहा है.
उन्होंने अपने एक पोस्ट में सरफराज खान का उदाहरण देते हुए कहा कि इतने शानदार आंकड़ों के बावजूद उन्हें चयनकर्ताओं की नजर में जगह नहीं मिलना "एक तरह का अन्याय" है.
थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “यह सचमुच हैरान करने वाली बात है. सरफराज खान का फर्स्ट-क्लास औसत 65 से ऊपर है. उन्होंने टेस्ट डेब्यू पर अर्धशतक लगाया, एक टेस्ट में 150 रन बनाए जिसे हम हार गए, इंग्लैंड दौरे के एकमात्र प्रैक्टिस मैच में 92 रन बनाए और भारतीय टेस्ट टीम के खिलाफ अभ्यास मैच में शतक लगाया, फिर भी वह सेलेक्टर्स की प्लानिंग से बाहर हैं.
थरूर ने आगे कहा कि उन्हें अजिंक्य रहाणे, पृथ्वी शॉ और करुण नायर जैसे खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी में रन बनाते देख खुशी हो रही है. उन्होंने BCCI सेलेक्टर्स पर निशाना साधते हुए कहा, “हमारे सेलेक्टर्स बहुत जल्दी साबित खिलाड़ियों को दरकिनार कर ‘संभावना’ पर दांव लगाने लगते हैं. जिन्होंने खुद को बार-बार साबित किया है, उन्हें सम्मान मिलना चाहिए. घरेलू क्रिकेट में बनाए गए रनों की कद्र होनी चाहिए, सिर्फ IPL प्रदर्शन को ही पैमाना न बनाया जाए, वरना रणजी खेलने का क्या मतलब रह जाएगा?”
थरूर का यह बयान उस वक्त आया है जब भारतीय टीम के चयन को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार बहस जारी है. मोहम्मद शमी भी हाल में चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर पर निशाना साध चुके हैं. वहीं गौतम गंभीर को भी हाल में इस बात के लिए कई दिग्गजों ने टारगेट किया था कि हर्षित राणा को ऑल फॉर्मेट में खिलाया जा रहा है, जबकि दूसरे डिजर्विंग खिलाड़ी नजरंदाज हो रहे हैं.
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