Bapu Nadkarni bowled 21 consecutive maiden overs: टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में बापू नादकर्णी के नाम एक अद्भुत रिकॉर्ड हैं. वह एक टेस्ट में लगातार 131 गेंदों में एक भी रन नहीं देने का कीर्तिमान रखते है. उन्हें सबसे 'कंजूस' गेंदबाज के तौर पर हमेशा याद किया जाएगा. बापू नादकर्णी ने 60 साल पहले आज (12 जनवरी, 1964) ही यह कारनामा किया था.
बापू ने अंग्रेजों को रन के लिए तरसाया था
बापू ने अपनी लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी की बदौलत 1964 में तत्कालीन मद्रास (चेन्नई) के कॉरपोरेशन स्टेडियम में अंग्रेजों को रन के लिए तरसाया था. यहां खेले गए टेस्ट मैच के दौरान उन्होंने एक के बाद एक 131 गेंदें फेंकीं, जिन पर एक भी रन नहीं बना. उस पारी में उन्होंने कुल 32 ओवरों में 27 मेडन फेंके, जिनमें लगातार 21 मेडन ओवर (6 गेंदों का एक ओवर) थे. और 5 रन ही दिए. उनका गेंदबाजी विश्लेषण रहा- 32-27-5-0.
मद्रास टेस्ट: बापू नादकर्णी के चार स्पेल
पहला स्पेल: 3-3-0-0
दूसरा स्पेल: 7-5-2-0
तीसरा स्पेल: 19-18-1-0
चौथा स्पेल: 3-1-2-0
उनकी हैरान कर देने वाली खासियत
वे नेट्स पर सिक्का रखकर गेंदबाजी करते थे. उनकी बाएं हाथ की फिरकी इतनी सधी थी कि गेंद वहीं पर गिरती थी. टेस्ट करियर में बापू की 1.67 रन प्रति ओवर की इकोनॉमी रही. बापू 41 टेस्ट खेले, 9165 गेंदों में 2559 रन दिए और 88 विकेट झटके.
बल्लेबाज और फील्डर भी गजब के
क्रिकेट के हर डिपार्टमेंट में माहिर बापू न सिर्फ अपने स्पिन से बल्लेबाजों का बांधा, बल्कि उनकी बल्लेबाजी भी गजब की थी. वे एक हिम्मती फील्डर भी थे, जो फील्ड पर बल्लेबाज के सामने खड़े होते थे. बापू ने इंग्लैंड के खिलाफ 1963-64 सीरीज में कानपुर में नाबाद 122 रनों की पारी खेलकर भारत को हार से बचाया था.
बापू नादकर्णी ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर के दौरान कुल 500 विकेट निकाले. 1933 में नासिक में जन्मे बापू का 2020 (86 साल, 288 दिन की उम्र) में मुंबई में निधन हुआ.
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