क्रिकेट के इतिहास में आज (22 सितंबर) का दिन बेहद खास है. 35 साल पहले 1986 में इसी दिन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मद्रास (अब चेन्नई) टेस्ट मैच टाई हो गया था. 1877 से लेकर अब तक कुल 2,433 टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं. लेकिन दो ही मौके आए, जब मुकाबला टाई पर खत्म हुआ. इससे पहले 1960 में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच ब्रिस्बेन में खेला गया टेस्ट मैच टाई पर छूटा था. खास बात यह है कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर बॉब सिम्पसन दोनों टाई मैच के गवाह रहे. इतिहास के पहले टाई टेस्ट मैच में वह बतौर खिलाड़ी मैदान पर मौजूद थे. वहीं, दूसरे में वह ऑस्ट्रेलियाई टीम के हेड कोच की भूमिका में थे.
डीन जोन्स की शानदार बल्लेबाजी
उस मुकाबले में एलन बॉर्डर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट के नुकसान पर 574 रन बनाकर पारी घोषित कर दी थी. डीन जोन्स ने शानदार 210 रनों की पारी खेली थी. इसके अलावा ओपनर डेविड बून ने 122 और कप्तान एलन बॉर्डर ने 106 रनों का योगदान दिया था. भारत की ओर से ऑफ स्पिनर शिवलाल यादव ने सबसे ज्यादा चार विकेट चटकाए थे.
कप्तान कपिल देव ने जड़ा शतक
जवाब में भारत की पहली पारी में 397 रनों पर सिमट गई थी, जिसके चलते ऑस्ट्रेलिया को 177 रनों की बढ़त मिल गई. मेजबान टीम के लिए कप्तान कपिल देव ने 138 गेंदों पर ताबड़तोड़ 119 रन बनाए थे. उनके अलावा रवि शास्त्री ने 62, कृष्णमाचारी श्रीकांत ने 53 और मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 50 रनों का योगदान दिया था. ऑस्ट्रेलिया की तरफ से ग्रेग मैथ्यूज ने सबसे ज्यादा पांच विकेट हासिल किए. फिर ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 170 रन बनाकर घोषित कर दी. इस तरह भारत को जीत के लिए 348 रनों की दरकार थी.
...वो आखिरी ओवर
भारत की दूसरी पारी में ओपनर सुनील गावस्कर ने 90 और मोहिंदर अमरनाथ ने 51 रनों की पारी खेलकर भारत की उम्मीदों को जीवंत कर दिया था. मैच के आखिरी ओवर में भारत को जीत के लिए चार रन चाहिए थे और उसके एक विकेट बाकी था. इस दबाव वाले क्षण में रवि शास्त्री (नाबाद 48 रन) और मनिंदर सिंह के कंधे पर भारत को जीत दिलाने की जिम्मेदारी थी.
ग्रेग मैथ्यूज की दूसरी गेंद पर शास्त्री ने दो रन बनाए. इसके बाद तीसरा गेंद पर उन्होंने एक रन लेकर स्ट्राइक मनिंदर सिंह को दे दी. मनिंदर चौथी गेंद पर रन नहीं बना सके, लेकिन पांचवीं गेंद पर वह एलबीडब्ल्यू करार दिए गए. इस तरीके से भारत की दूसरी पारी 347 रनों पर सिमट गई और मैच टाई पर खत्म हो गया.
सीरीज भी बराबरी पर खत्म हुई
इस मुकाबले में डीन जोन्स और कपिल देव को संयुक्त रूप से मैन ऑफ द मैच चुना गया था. इसके बाद दिल्ली और मुंबई में खेले गए अगले दो टेस्ट मैच ड्रॉ रहे थे. जिसके चलते दोनों देशों के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज 0-0 की बराबरी पर छूटी थी. डीन जोन्स ने पूरी सीरीज में सबसे ज्यादा 371 रन बनाए थे. वहीं, गेंदबाजों में ग्रेग मैथ्यूज ने सर्वाधिक 14 विकेट अपने नाम किए.
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