मैच और सुपर ओवर दोनों टाई... फिर ICC का अजब नियम, आज ही हुआ था वर्ल्ड कप का ऐतिहासिक फाइनल

4 साल पहले आज ही के दिन लॉर्ड्स में ऐतिहासिक वनडे वर्ल्ड कप फाइनल मैच खेला गया था. तब मेजबान इंग्लैंड पहली बार वर्ल्ड विजेता बनने में कामयाब रहा था. इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप-2019 का फाइनल मुकाबला बराबरी पर छूटा और इसके बाद 'सुपर ओवर' भी टाई हो गया था.

Advertisement
वनडे वर्ल्ड कप 2019 फाइनल में बेन स्टोक्स. (Getty) वनडे वर्ल्ड कप 2019 फाइनल में बेन स्टोक्स. (Getty)

aajtak.in

  • लंदन,
  • 14 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 3:37 PM IST

इंग्लैंड को क्रिकेट का जनक कहा जाता है, लेकिन उसी टीम को इस खेल का वर्ल्ड चैम्पियन बनने में सालों इंतजार करना पड़ा. ठीक 4 साल पहले आज (14 जुलाई) ही के दिन इंग्लैंड के ही लॉर्ड्स में ऐतिहासिक वर्ल्ड कप फाइनल खेला गया था. तब मेजबान इंग्लैंड पहली बार वनडे वर्ल्ड कप में चैम्पियन बनने में कामयाब रहा था. 

फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को हराया था. मगर इस इंग्लिश टीम की यह जीत भी काफी विवादों में रही थी. वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल मुकाबला टाई हो गया था. उसके बाद 'सुपर ओवर' हुआ, तो वह भी टाई हो गया था. बाद में जीत-हार का फैसला मैच के दौरान सबसे ज्यादा बाउंड्री लगाने के आधार पर हुआ. इस पैमाने पर इंग्लैंड की टीम न्यूजीलैंड पर भारी पड़ी.

Advertisement

ICC को हटाना पड़ा वो विवादास्पद नियम

दरअसल, बाउंड्री नियम की वजह से इंग्लैंड जहां वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाने में कामयाब रहा. वहीं शानदार प्रदर्शन करने वाली न्यूजीलैंड की टीम खिताब से चूक गई थी. इसके बाद इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के नियम पर सवाल उठने लगे थे. आखिरकार 3 महीने बाद ही (अक्टूबर 2018) ICC ने इस नियम को हटा लिया. यानी अब कोई भी टीम बाउंड्री की गिनती के आधार पर विजेता नहीं बन सकती है.

आईसीसी ने स्पष्ट किया कहा कि ग्रुप स्टेज में अगर सुपर ओवर टाई रहता है, तो इसके बाद मुकाबला टाई ही रहेगा. दूसरी तरफ सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले में सुपर ओवर तब तक जारी रहेगा, जब तक एक टीम दूसरी टीम से ज्यादा रन नहीं बना लेती.

क्या हुआ था फाइनल मुकाबले में?

Advertisement

14 जुलाई को ऐतिहासिक लॉर्डस मैदान पर खेले गए फाइनल मैच में न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 241 रन बनाए. इंग्लैंड को वर्ल्ड चैम्पियन बनने के लिए 242 रनों की जरूरत थी, लेकिन मेजबानी टीम भी 50 ओवरों में 241 रन ही बना सका और मैच टाई हो गया.

इस टाई मैच का नतीजा निकालने के लिए सुपर ओवर कराया गया, जिसमें इंग्लैंड ने 15 रन बनाए और बाद में न्यूजीलैंड भी 15 रन ही बना पाया. इसलिए मैच यहां भी टाई हो गया. मैच में किस टीम की ओर से ज्यादा बाउंड्री लगी, इसके आधार पर मैच का नतीजा निकला.

इंग्लैंड ने पूरे मैच में अपनी पारी के दौरान कुल 26 बाउंड्री लगाई थी, जबकि न्यूजीलैंड के खाते में 17 बाउंड्री ही थी. सुपर ओवर में लगाई गई बाउंड्री भी गिनी गई थी. इस आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया, लेकिन आईसीसी ने अब बाउंड्री काउंट नियम को रद्द कर दिया है.

मैच का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट

इस मैच में सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट रहा आखिरी ओवर में बेन स्टोक्स के बल्ले से लगकर ओवर थ्रो जाना. आखिरी ओवर में जब इंग्लैंड को 3 गेंदों में 9 रन की जरूरत थी, तो बेन स्टोक्स ने ट्रेंट बोल्ट की फुल टॉस गेंद को डीप मिडविकेट की तरफ खेलकर दो रन के लिए भागे, लेकिन मार्टिन गप्टिल का स्ट्राइकर एंड की तरफ फेंका गया थ्रो स्टोक्स के बैट से टकराकर ओवरथ्रो के लिए बाउंड्री के बाहर चला गया और इंग्लैंड को इस गेंद पर छह रन मिल गए, यहीं मैच का रुख पलट गया.

Advertisement

फाइनल में विवादास्पद चार देने वाले मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना ने बाद में स्वीकार किया है कि वर्ल्ड कप फाइनल में इंग्लैंड को चार देना उनकी गलती थी और उन्हें एक रन देना चाहिए था. धर्मसेना ने श्रीलंका के अखबार संडे टाइम्स से कहा था, 'अब टीवी पर रीप्ले देखने के बाद मैं स्वीकार करता हूं कि फैसला करने में गलती हुई थी. लेकिन मैदान पर टीवी रीप्ले देखने की सहूलियत नहीं थी और मुझे अपने फैसले पर कभी मलाल नहीं होगा.'

आईसीसी के एक नियम की आलोचना हुई

क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 में इंग्लैंड को विजेता घोषित किए जाने के बाद आईसीसी के एक नियम की आलोचना शुरू हो गई थी. सोशल मीडिया पर सेलिब्रेटी के अलावा आम लोगों ने भी आईसीसी के नियम की आलोचना की. कई यूजर्स ने लिखा था कि आईसीसी को बाउंड्री के आधार पर विजेता घोषित करने के इस नियम को बदलना चाहिए.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement