भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ 14 नवंबर से दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. इस सीरीज के लिए भारतीय टीम का ऐलान 5 नवंबर (बुधवार) को किया गया. टीम में विकेटकीपर ऋषभ पंत को भी शामिल किया गया है, जो चोट के चलते वेस्टइंडीज के विरुद्ध हुई सीरीज में भाग नहीं ले पाए थे. पंत की तो वापसी हो गई, लेकिन तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है. रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन में शुरुआती तीन मैचों में 15 विकेट लेने वाले शमी को टेस्ट स्क्वॉड से तो बाहर रखा ही गया है, साथ ही इंडिया-ए टीम में भी उन्हें जगह नहीं मिली.
शानदार फॉर्म में रहने के बावजूद मोहम्मद शमी को टीम इंडिया से बाहर रखना चौंकाने वाला है. शमी के बचपन के कोच मोहम्मद बदरूद्दीन चयनकर्ताओं के इस फैसले से काफी नाराज हैं. बदरुद्दीन ने चयनकर्ताओं के फैसले पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) और चीफ सेलेक्टर अजीत अग्रकार जानबूझकर इस खिलाड़ी को नजरअंदाज कर रहे हैं, जबकि शमी भारत के सबसे अनुभवी और भरोसेमंद तेज गेंदबाजों में से एक हैं.
मोहम्मद शमी ने आखिरी बार भारत के लिए क्रिकेट के सबसे फॉर्मेट में जून 2023 में खेला था. तब शमी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के फाइनल में उतरे थे. 2024 का बड़ा हिस्सा उन्होंने इंजरी के कारण मिस किया. उन्होंने इसी साल इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में वापसी की. फिर शमी ने आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में भी भाग लिया था, जहां उन्होंने 5 मैचों में 9 विकेट चटकाए.
शमी ने खुद को पूरी तरह फिट बताया
इसी बीच मोहम्मद शमी रणजी ट्रॉफी में लगातार गेंदबाजी कर रहे हैं और बेहतरीन फॉर्म में दिखे हैं. इसके बावजूद उनका चयन न होना कई सवाल खड़े करता है. सेलेक्टर्स का मानना है कि शमी की फिटनेस अब भी संदेह के दायरे में हैं. लेकिन शमी ने जोर देकर कहा था कि वो पूरी तरह फिट हैं और इसका सबूत रणजी एवं दलीप ट्रॉफी प्रदर्शन है.
बदरूद्दीन ने इंडिया टुडे से कहा, 'सीधी बात है, उसे नजरअंदाज किया जा रहा है. मुझे इसके अलावा और कोई वजह समझ नहीं आती. जब कोई खिलाड़ी लाल गेंद क्रिकेट खेल रहा होता है और तीन मैचों में 15 विकेट ले लेता है, तो वह कहीं से भी अनफिट नहीं लगता. चयनकर्ता बस उसे नजरअंदाज कर रहे हैं.'
उन्होंने यह भी बताया कि मोहम्मद शमी इस स्थिति के चलते मानसिक रूप से परेशान हैं. बदरूद्दीन कहते हैं, 'जब आप परफॉर्म करें और फिर भी जगह न मिले, तो कोई भी निराश होगा. वो ऐसी वापसी करेगा कि सब चुप हो जाएंगे. अगर अब भी उनके अच्छे प्रदर्शन के बावजूद आप उन्हें नहीं चुन रहे हैं, तो यह कहना बंद कर दीजिए कि आप परफॉर्मेंस के आधार पर चयन करते हैं.'
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