भारत के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने आरोप लगाया है कि मुख्य कोच गौतम गंभीर के कार्यकाल में लगातार होने वाले बदलावों के कारण भारतीय टेस्ट बल्लेबाज असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. कैफ का कहना है कि मौजूदा टीम मैनेजमेंट बल्लेबाज़ों को पर्याप्त समर्थन नहीं दे रहा है, और यह डर कोलकाता में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में भारत की 30 रन की हार के दौरान बल्लेबाज़ों की बॉडी लैंग्वेज में साफ दिखा.
भारत 124 रन का लक्ष्य हासिल करने में नाकाम रहा, क्योंकि स्पिनरों साइमन हार्मर और केशव महाराज ने बल्लेबाज़ों को खड़े-खड़े मात दे दी, जबकि तेज़ गेंदबाज़ मार्को जैनसन ने शुरुआती झटके दिए. वाशिंगटन सुंदर को छोड़कर, जो लंबी पारी खेलकर टीम को बचाने की कोशिश कर रहे थे, बाकी भारतीय बल्लेबाज़ दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज़ों के सामने संघर्ष करते नज़र आए.
मोहम्मद कैफ ने उठाए सवाल
कैफ ने कहा, 'खिलाड़ी खुद पर भरोसा नहीं कर रहे हैं, असुरक्षा है. जब असुरक्षा हो और आप टर्निंग ट्रैक पर खेलने आएं, तो अच्छा नहीं कर पाएंगे.' पूर्व बल्लेबाज़ ने यह भी कहा कि खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट में लगातार मौके नहीं दिए जा रहे. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सरफराज खान को पिछले साल न्यूज़ीलैंड के खिलाफ शतक लगाने के बावजूद टीम से बाहर कर दिया गया. कैफ ने यह भी बताया कि साई सुदर्शन को वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछले टेस्ट में 87 रन बनाने के बाद भी अगले मैच में बाहर कर दिया गया.
भारत ने वाशिंगटन सुंदर को नंबर 3 पर उतारा और चार स्पिनरों सहित छह गेंदबाज़ों के साथ उतरा. ध्रुव जुरेल भी ऋषभ पंत के साथ प्लेइंग XI में थे, जिससे बल्लेबाज़ी क्रम में कई बदलाव देखने को मिले.
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‘कोई बैकिंग नहीं है’
कैफ ने कहा,'जो भी खिलाड़ी खेल रहे हैं, उन्हें यह महसूस नहीं होता कि कोई उनके लिए खड़ा है. कोई बैकिंग नहीं है'. हर कोई डर के साथ खेल रहा है.' अगर सरफराज खान की जगह 100 रन बनाने के बाद भी पक्की नहीं है, वह भी शतक के बाद वापसी नहीं कर पा रहे. साई सुदर्शन ने 87 बनाए, फिर भी अगले टेस्ट में नहीं खेले. मुझे लगता है इस टीम में बहुत भ्रम है.
भारत अब 22 नवंबर, शनिवार को गुवाहाटी में होने वाले दूसरे टेस्ट में घरेलू सीरीज़ क्लीन स्वीप से बचने की कोशिश करेगा.
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